संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) और इंटरनेशनल लाइवस्टोक रिसर्च इंस्टीट्यूट (ILRI) द्वारा 6 जुलाई (इस वर्ष विश्व भर में अनुसंधान संस्थानों और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा वर्ल्ड जूनोसेस डे के रूप में मनाया गया) को जारी की गई एक रिपोर्ट में यह बताया गया है कि मनुष्यों में 60 प्रतिशत ज्ञात संक्रामक रोगों की उत्पत्ति कहीं न कहीं एक जानवर से संबंधित रही है. इसी तरह, सभी नए और उभरते संक्रामक...
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महामारी के दौर में बहुआयामी गरीबी के चक्र में फंसे लोग, 3 से 10 साल तक पिछड़ सकते हैं विकासशील देश!
बहुआयामी गरीबी मौद्रिक यानी पैसे आधारित गरीबी नहीं है बल्कि यह गैर-मौद्रिक आधारित गरीबी है, जो सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने की चुनौतियों से दृढ़ता से जुड़ी है. हालाँकि पहले गरीबी को केवल मौद्रिक यानी धन आधारित गरीबी के संदर्भ में ही परिभाषित किया गया था, लेकिन अब गरीबी को लोगों के अनुभवों की जीवंत वास्तविकता और उनके द्वारा भोगे जाने वाले अनेकों अभावों से जोड़कर देखा जाता...
More »आलू के दाम एक साल में 92% और प्याज़ के दाम 44% बढ़े
-बीबीसी, बीते एक साल में सिर्फ़ गेहूं को छोड़कर खाने की अधिकतर ज़रूरी चीज़ों के खुदरा मूल्यों में काफ़ी बढ़ोतरी दर्ज की गई है. अंग्रेज़ी अख़बार टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट मुताबिक़, आलू के दामों में जहाँ पिछले एक साल में 92 फ़ीसदी की वृद्धि हुई है वहीं प्याज़ के दाम 44 फ़ीसदी बढ़े हैं. उच्च खाद्य मुद्रास्फीति आर्थिक नीति के लिए बड़ी चिंता के रूप में उभरी है लेकिन विशेषज्ञों का मानना...
More »न बिजली, न डीजल-ईंजन फिर भी ये आदिवासी किसान कर रहे हैं सिंचाई - बाबा मायाराम
-बाबा मायाराम, न बिजली, न मोटर, न डीजल-ईंजन फिर भी हो रही है खेतों की सिंचाई। यह अनूठा काम सरगुजा जिले के आदिवासी किसान कर रहे हैं। वे पहाड़ी नाले का पानी अपने खेतों तक ले आएं हैं, जिससे खेतों की सिंचाई हो रही है। वे पहले बारिश में सिर्फ एक ही फसल ले पाते थे, अब खरीफ की फसल धान के साथ सब्जियों की फसल भी लेते हैं। छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले...
More »हाशिए पर दलित
-आउटलुक, “कई ऐसे नीतिगत फैसले हुए जिनसे दलितों को उनके संवैधानिक अधिकार कम होने की आशंका” शुरुआत राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के निराशाजनक तथ्य से करते हैं। इस साल की शुरुआत में आई इसकी रिपोर्ट के अनुसार दलितों के खिलाफ अपराध में उत्तर प्रदेश सबसे ऊपर है। इनमें बलात्कार, हत्या और जमीन से जुड़े विवाद शामिल हैं। इन अपराधों में 2014 से 2018 के दौरान 45 फीसदी बढ़ोतरी हुई। इसके बाद...
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