राज्य का विकास कैसे हो, यह वहां की सरकार की प्रतिबद्धता से जुड़ा होता है. बिहार विकास के मामले में देश के अन्य राज्यों से पीछे है. लेकिन पिछले कुछ वर्षो से इसमें बदलाव आया है. बिहार और झारखंड को विकास के लिए विशेष दरजा दिया जाना चाहिए. बिहार सरकार की यह मांग जायज भी है, क्योंकि झारखंड अलग होने के बाद बिहार में संसाधन नहीं के बराबर रह गये. इसके...
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वादे से मुकरे राजीव शुक्ला, अब तक नहीं लौटाई 100 करोड़ की जमीन
मुंबई केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला ने उन्हें कौड़ियों के भाव मिली 100 करोड़ रुपये की जमीन वापस लौटाने के अपने वादे को अभी तक पूरा नहीं किया है। महाराष्ट्र के राजस्व विभाग के अधिकारियों से जानकारी मिली है कि यह जमीन अभी भी शुक्ला के कब्जे में है और इस पर उनके गार्ड्स तैनात हैं। हमारे सहयोगी अखबार 'मुंबई मिरर' की पड़ताल में पता चला है कि राज्य सरकार ने अभी...
More »गवर्नेस की हिलती बुनियाद- अजय सिंह
आजादी के ठीक बाद लगभग 400 आइसीएस अधिकारियों की जमात देशभर में थी. राजनीतिक तबके में इन अफसरों के खिलाफ जबरदस्त रोष था. परंतु संविधान की कुछ धाराओं की वजह से उन पर कार्रवाई नहीं हो सकती थी. सरदार पटेल ने इन अधिकारियों को सुरक्षा और सम्मान की गारंटी दी थी. अनंतसायनाम अयंगर, जो बाद में लोकसभा स्पीकर भी बने, ने पटेल के आश्वासन पर अपनी असहमति जतायी. वजह साफ...
More »यूपीए राज में गरीबी कम हुईः पीएम
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में प्रधानमंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि हम आर्थिक सुधार की कोशिश कर रहे हैं .भारत में निवेश बढ़ाने की जरूरत है और रोजगार के अवसर भी पैदा करने होगें. विकास दर का हमारा लक्ष्य 8 प्रतिशत है पर 2012 में विकास दर धीमी रही है. इसके बाद भी अन्य देशों की तुलना में हमारा विकास दर काफी अच्छा है. मंदी के बावजूद दूसरे देशों से...
More »जुदा होना खुदा का, नुक्ते से- योगेंद्र यादव
लिखा तो था ‘खुदा’ मगर नुक्ते के फेर से बन गया ‘जुदा’. आशीष नंदी का ‘विवादास्पद बयान’ वाला मुद्दा कुल मिला कर उर्दू की इस कहावत जैसी बात थी, जिसका बतंगड़ बन गया है. जिंदगी भर समाज के हाशियाग्रस्त समूहों की हिमायत करनेवाले आशीष नंदी दलित, आदिवासी और पिछड़े समुदाय के पक्ष में एक बारीक तर्क गढ़ रहे थे. बात रखते-रखते एक वाक्य में जुबान फिसल गयी. और बस, सारा मीडिया उस...
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