जनसत्ता 10 जुलाई, 2012: साफ-सफाई के मुद्दे पर भारत सरकार ने निर्मल भारत योजना बनाई है, जिसकी सफलता के लिए फिल्म अभिनेत्री विद्या बालन को अपना ब्रांड एंबेस्डर नियुक्त किया है। बात बस इतनी-सी है, लेकिन इसका असर और यहां से उपजे संदेश को महज साफ-सफाई की जरूरत तक नहीं समेटा जा सकता। इसे महज बाजार की प्रवृत्ति कह देना भी जल्दबाजी होगी। राजनीति जैसी गतिविधि के हित-अहित पर इसका आकलन...
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इक्कीसवीं सदी की बाधा दौड़- सुभाष गताड़े
महाराष्ट्र के नागपुर क्षेत्र में अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछड़ी जातियों से आने वाले दस हजार से अधिक छात्र सरकार के समाज कल्याण महकमे की आपराधिक लापरवाही के चलते क्या प्रोफेशनल पाठ्यक्रमों में इस साल प्रवेश नहीं ले सकेंगे? और शासकीय कॉलेजों में उनके प्रवेश को महज इसी वजह से रोका जाएगा, क्योंकि उनके पास जाति वैधता प्रमाणपत्र नहीं हैं, जबकि इन तमाम छात्रों ने सालभर पहले ही आवेदन...
More »हजारों भागीरथ बनाए कलेक्टर उमराव ने- पवन देवलिया की रिपोर्ट
भोपाल (एमपी मिरर)। एक भागीरथ को भारतीय इतिहास में इसलिए जाना जाता है कि वे गंगा को इस धरती पर लाए थे। इस पुण्य कार्य को सफल बनाने के लिए भागीरथ ने अपना सारा जीवन खपा दिया था। इस पुण्य कार्य को करने के बाद उनके साथ दो चीजें हमेशा के लिए जुड़ गईं। एक तो गंगा को धरती पर लाने के बाद उनका नाम गंगाजी के साथ हमेशा के लिए जुड़ गया। इसके...
More »प्रधान नहीं जानतीं पंचायतीराज मंत्री कौन!- सुरेश कासलीवाल की रिपोर्ट
अजमेर.जिले की अरांई पंचायत समिति की प्रधान पारसी देवी, जहाजपुर प्रधान सीता देवी गुर्जर व आसींद की प्रधान देबी भील अपने अधिकारों के बारे में तो अनजान हैं ही, उन्हें पंचायतीराज विभाग के मुखिया पंचायतीराज मंत्री का नाम तक मालूम नहीं है? एक को इसके बारे में जानकारी नहीं। दूसरी बोलती है, पूरा नाम पता नहीं पर शायद कोई मालवीय हैं और तीसरी प्रधान ने पंचायतीराज मंत्री का नाम बताया, राजेंद्र सिंह राठौड़ । ...
More »पानी का निजीकरण यानी विनाश- कुमार प्रशांत
हमारे प्रधानमंत्री ने रहीम को कब और कितना पढ़ा, यह तो पता नहीं, लेकिन पिछले दिनों उन्होंने जल सप्ताह के आयोजन में पानी को लेकर जो बातें कहीं, उससे एक बात तो साफ हो गई कि उन्हें पानी की चाहे जितनी फिक्र हो, पानी की पहचान नहीं है। प्रकृति ने जो कुछ अक्षय और सर्वसुलभ बनाया था, उसमें सबसे पहले हवा और पानी का नाम आता है। कभी किसी ने सोचा...
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