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डंडे के डर से निगलीं गोलियां, 22 बच्चे बेहोश

दीपक भंडारी, अमृतसर : दवा तो थी बच्चों में खून की कमी दूर करने के लिए, लेकिन जरा सी लापरवाही से यह जहर बन गई। अमृतसर के कटड़ा हकीमां स्थित सरकारी एलीमेंट्री स्कूल में बच्चों को एनीमिया से बचाने के लिए नेशनल रूरल हेल्थ मिशन के तहत दी जाने वाली दवा को खाते ही बच्चों को उल्टियां व दस्त लग गए। 22 बच्चे बेहोश हो गए। उनके बेहोश होने की खबर इलाके में फैलते ही...

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पंजाब में दवा बनी जहर

अमृतसर [दीपक भंडारी]। पंजाब में स्कूली बच्चों को एनीमिया [खून की कमी] से बचाने के लिए नेशनल रूरल हेल्थ मिशन के तहत दी जाने वाली दवा उनके लिए 'जहर' साबित हुई है। इंदौर की दवा कंपनी द्वारा सप्लाई की गई फालिफर नामक इस दवा को खाते ही अमृतसर के गेट हकीमां के बाहर स्थित सरकारी एलीमेंट्री स्कूल में बच्चों को उल्टियां व दस्त शुरू हो गए। 22 बच्चे बेहोश हो गए। उनके बेहोश होने की खबर...

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वर्ष 2020 तक शत-प्रतिशत साक्षरता का लक्ष्य

नई दिल्ली। उच्च शिक्षा में छात्रों की नामांकन दर में वृद्धि को एक बड़ी चुनौती करार देते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने बुधवार को कहा कि 2020 तक शत-प्रतिशत साक्षरता दर हासिल करना और नामांकन दर को बढ़ाकर 30 प्रतिशत करने की प्रतिबद्धता को अमलीजामा पहनाने के लिए एकजुटता से काम करने और भारी निवेश की जरूरत है। इस उद्देश्य के लिए स्कोप के तत्वावधान में सार्वजनिक क्षेत्र की कपंनियों [पीएसयू] के...

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नौनिहालों को कौन दिखाए स्कूल की राह?

शिक्षा का अधिकार 'मौलिक अधिकार' तो बन गया, लेकिन इसे व्यवहार में लागू करने में शिक्षा विभाग के पसीने छूट रहे हैं। इसके लिए कोई और नहीं बल्कि सरकारी नीतियां ही जिम्मेदार हैं। एसएसए से मिले आंकड़ों के अनुसार जिले भर में 6-14 आयु वर्ग के लगभग 2500 बच्चे स्कूली शिक्षा से महरूम हैं। इन बच्चों को तलाशने और उन्हें स्कूल की राह दिखाने के लिए 1 अप्रैल से 31 मई तक 'ड्राप आउट सर्वे'...

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जंगल से कटकर सूख गये मालधारी- शिरीष खरे

एशियाई शेरों के सुरक्षित घर कहे जाने वाले गिर अभयारण्य में बरसों पहले मालधारियों का भी घर था. ‘माल’ यानी संपति यानी पशुधन और ‘धारी’ का मतलब ‘संभालने वाले’. इस तरह पशुओं को संभाल कर, पाल कर मालधारी अपनी आजीविका चलाते थे. एक दिन पता चला कि अब इस इलाके में केवल शेर रहेंगे. फिर धीरे-धीरे मालधारियों को उनकी जड़ों से उखाड़कर फेंकने का सिलसिला शुरु हुआ. जंगल में मालधारी आज की...

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