झारखंड बने 13 साल से अधिक हो चुके हैं, पर यह आज भी अति पिछड़े राज्यों की गिनती में आता है. किसी भी राज्य के विकास में केंद्रीय सहायता का विशेष योगदान होता है. झारखंड में केंद्रीय सहायता की अपर्याप्त मात्र की वजह से आधारभूत संरचनाओं के निर्माण को गति नहीं मिल पायी. झारखंड के निर्माण के समय भी राज्य में आधारभूत संरचनाओं की अत्यधिक कमी थी. साथ ही राज्य शिक्षा, स्वास्थ्य,...
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झारखंड में प्रतिदिन 50 नवजातों की मौत
रांची: यूनिसेफ झारखंड के प्रमुख जॉब जकारिया ने कहा है कि अभी राज्य में प्रतिदिन पचास नवजात शिशुओं की जन्म के पहले महीने में (जन्म के 28 दिनों के अंदर) ही मौत हो जाती है. साल भर में 19000 नवजात शिशु मरते हैं. हालांकि पिछले एक दशक के मुकाबले शिशुओं की मौत में कमी आयी है. वर्ष 2000 में साल भर में 31,000 नवजात शिशु की मौत होती थी. नवजात...
More »सर्वे: पूरी दुनिया में मारे जाने वाले 29 प्रतिशत नवजात भारतीय
लंदन: दुनियाभर में एक साल में दस लाख बच्चों की जन्म के एक दिन के भीतर ही मृत्यु हो जाती है जिनमें आश्चर्यजनक तरीके से 29 प्रतिशत बच्चे भारत के होते हैं. यह खुलासा एक जानेमाने एनजीओ ने किया. ‘सेव द चिल्ड्रन’ ने एक रिपोर्ट में कहा, ‘‘दुनियाभर में अपने जन्म के पहले दिन ही मारे जाने वाले बच्चों का 29 प्रतिशत अकेले भारत में हैं. इस चीज को भारत जैसे देश...
More »गुजरात मॉडल की असलियत- कृष्ण स्वरुप आनंदी
जनसत्ता 19 फरवरी, 2014 : गुजरात का विकास चर्चा का विषय बना दिया गया है। ऐसा दावा किया जा रहा है कि अन्य राज्यों के लिए ही नहीं, बल्कि समूचे देश के लिए भी एक बेहतरीन अनुकरणीय मॉडल गुजरात ने प्रस्तुत किया है। उस मॉडल को देशव्यापी बनाने का सपना जोर-शोर से लोगों को दिखाया जा रहा है। विकास, सुशासन, समृद्धि, रोजगार सृजन जैसे शब्द तेजी से हवा में उछाले...
More »विषमता का विकास- सुषमा वर्मा
जनसत्ता 17 फरवरी, 2014 : विश्व बैंक की प्रबंध निदेशक क्रिस्टीना लेगार्ड ने हाल ही में यह रहस्योद्घाटन किया कि भारत के अरबपतियों की दौलत पिछले पंद्रह बरस में बढ़ कर बारह गुना हो गई है। क्रिस्टीना के अनुसार, इन मुट्ठी भर अमीरों के पास इतना पैसा है जिससे पूरे देश की गरीबी को एक नहीं, दो बार मिटाया जा सकता है। लेगार्ड के इस बयान से पुष्टि होती है...
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