भागलपुर : भागलपुर जिले में करीब दो लाख बीपीएल परिवार खुले आकाश के नीचे रहते हैं। जिले की कुल प्रतीक्षा सूची 3 लाख 02 हजार की है। इसमें यह माना गया है कि अब तक (दस वर्षों में) करीब एक लाख लोगों को इंदिरा आवास के निर्माण के लिए राशि दे दी गयी है। शेष दो लाख दो हजार लोगों (परिवारों) के पास अपना घर नहीं है। इनके नाम इंदिरा आवास...
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अपने हक के लिए संगठित हो रहे हैं आदिवासी
जागरण ब्यूरो भोपाल, 6 सितंबर। मध्यप्रदेश में आदिवासी राजनीति एक बार फिर गरमा रही है। भाजपा के आदिवासी नेता अगले माह भोपाल में एक मंच पर एकत्रित हो रहे हैं। इस मंच पर आदिवासी अपने हकों की लड़ाई लड़ने का एलान करेंगे। आदिवासी नेताओं को एक मंच पर लाने का काम अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद द्वारा किया जा रहा है। मध्यप्रदेश के विभाजन के बाद से ही यह...
More »अपने मुंह मियां मिट्ठू नहीं बन पाएंगे ग्राम प्रधान
नई दिल्ली [सुरेंद्र प्रसाद सिंह]। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना [मनरेगा] में ग्राम प्रधान अब 'अपने मुंह मियां मिट्ठू' नहीं बन पाएंगे। सोशल ऑडिट से प्रधानों को अलग रखा जाएगा। सरकार इस दिशा में जल्दी ही नए दिशा-निर्देश जारी करने वाली है। केंद्रीय रोजगार गारंटी परिषद [सीईजीसी] द्वारा इस पर कड़ी आपत्ति जताने के बाद सरकार ने नियमों में संशोधन का फैसला किया है। मनरेगा के काम...
More »सूचना का अधिकार बना हथियार- अशीष कुमार अंशु
कमलेश कामत अमही प्रखंड मधुबनी, बिहार के रहने वाले हैं. सूचना के अधिकार से उनका परिचय अभी नया-नया है. वे समझ नहीं पा रहे हैं कि हाल में जब प्रखंड कार्यालय से उन्होंने पंचायत में होनेवाले विकास संबंधी कायरें में हो रहे व्यय का ब्योरा मांगा तो क्यों पंचायत से लेकर ब्लॉक तक में उनकी इज्जत पहले से कई गुना बढ़ गयी. पहले जो बीडीओ उन्हें अपने आस-पास भी फ़टकने...
More »यह सिर्फ़ अनाज का सड़ना नहीं है- कृष्णप्रताप सिंह
1.लूट की आंधी-तूफ़ान की तरह आ रही खबरों ने सरकारी अनाज के गोदामों के बाहर सड़ने की खबरों से लोगों का ध्यान हटा दिया. 2.गैरजिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की बात करनेवाले कृषि मंत्री अब कह रहे हैं कि ज्यादा अनाज सड़ा ही नहीं. 3.जिस मात्रा को वे तुच्छ बता रहे हैं वह कुल भंडारित अनाज का कम से कम 15 प्रतिशत तो है ही. न्याय का सामान्य-सा नियम है कि एक अपराध को...
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