एक राज्य के तौर पर झारखंड ने सोलह साल का सफर तय कर लिया है. इस दौरान एक अलग राज्य के तौर पर झारखंड ने कई क्षेत्रों में प्रगति की है. लेकिन, नये राज्य के बनने के बाद से झारखंड से जैसी उम्मीद की जा रही थी, वैसा कुछ हो नहीं हो पाया. फिर भी यह कहना गलत नहीं होगा कि इस दौरान राज्य कई मामले में आगे बढ़ा है....
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समृद्ध झारखंड का जनस्वप्न --- अनंत कुमार
राजनेताओं ने यह सोचा था कि शासन में स्थानीय आदिवासियों की सहभागिता झारखंड का विकास सुनिश्चित करेगी. दुर्भाग्यवश, खनिजों, वनों तथा प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न झारखंड भ्रष्टाचार, विकास की कमी, नक्सलवाद, राजनीतिक अस्थिरता, कुशासन, आदिवासियों के शोषण के साथ कुछ अन्य सामाजिक तथा राजनीतिक समस्याओं का शिकार हो गया. दूसरी ओर, राजनीतिक नेतृत्व, सिविल सोसाइटी तथा अकादमिक क्षेत्र राज्य के विकास की एक प्रभावी योजना तैयार नहीं कर सका. इस स्थिति...
More »नोटबंदी के साइड इफेक्टस् : सबसे ज्यादा चोट किसपर ?
विमुद्रीकरण से मची अफरा-तफरी के बीच क्या देश इस हालत में है कि रोजमर्रा की चीजों की खरीद के लिए सरकारी घोषणाओं के मुताबिक बैंकों और एटीएम से नगदी जुटा सके ? सरकारी घोषणाओं में देशवासियों से कहा गया है कि वे नगदी की तात्कालिक कमी से होने वाली असुविधा के लिए क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, मोबाइल और इलेक्ट्रानिक वैलेट का इस्तेमाल करें. लेकिन क्या देश कैशलेस इकॉनॉमी की तरफ कदम...
More »कश्मीर को कारागार नहीं स्कूल चाहिए-- शशिशेखर
जो एक स्कूल के दरवाजे खोलता है, वह एक जेल का द्वार बंद भी करता है। - विक्टर ह्यूगो कश्मीर घाटी में इसका उल्टा हो रहा है। वहां स्कूलों की इमारतें फूंकी जा रही हैं। राज्य-कर्मचारियों को काम करने से रोका जा रहा है। मंत्रियों, विधायकों और जनता की नुमाइंदगी का दम भरने वाले नेताओं के घर क्षतिग्रस्त किए जा रहे हैं। यह प्रायोजित हिंसा का दूसरा जानलेवा प्रहसन है। इससे पहले...
More »बिरसा मुंडा की विरासत-- अनुज लुगुन
आनेवाले 15 नवंबर को महायोद्धा बिरसा मुंडा की 141वीं जयंती होगी. इसी तिथि को अलग राज्य के रूप में झारखंड की स्थापना हुई. यानी इस तारीख को बिरसा मुंडा को कई तरीकों से याद किया जायेगा. इस दिन झारखंड सरकार की ओर से बड़ा आयोजन होगा, आदिवासी हितों की घोषणाएं भी होंगी. लेकिन, बिरसा की विरासत क्या है? यह सवाल हर समय मौजूद रहेगा. मुख्यधारा के इतिहास लेखन ने...
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