रांची. राजधानी को कचरामुक्त करने के लिए ठोस कचरा प्रबंधन सिस्टम लागू किया जाएगा। यह कार्य जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय रिन्युअल मिशन (जेएनएनयूआरएम) के तहत होगा। रांची नगर निगम ने कचरा प्रबंधन सिस्टम प्लांट लगाने के लिए ए टू जेड इंफ्रास्ट्रक्चर लि., गुडग़ांव का चयन किया है। इसके लिए झिरी में जमीन भी दी गई है। इस योजना में लगभग 51.39 करोड़ रुपए खर्च होंगे। अप्रैल माह से इस योजना पर कार्य...
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राजस्थान में आदिवासी अधिकारों की अनदेखी
सामाजिक अधिकारिता के कानूनों के होने भर से किसी समुदाय के सशक्तीकरण की गारंटी होती तो राजस्थान का आदिवासी समुदाय ना तो शिक्षा के बुनियादी अधिकार से वंचित रहता और ना ही अपनी जीविका के जरुरी साधन जमीन से। मिसाल के लिए इन तथ्यों पर गौर करें।राजस्थान की कुल आबादी में आदिवासी समुदाय की तादाद १२.४४ फीसदी है और साक्षरता-दर है ४४.७ फीसदी जबकि सूबे की औसत साक्षरता दर इससे कहीं ज्यादा ऊंची(६१.०३ फीसदी) है। क्या शिक्षा...
More »जहां बरसता है बादल, बूंद-बूंद के लिए तरस रहे हैं लोग-विजय मनोहर तिवारी
चेरापूंजी में सबसे ज्यादा बारिश होती है। फिर भी यहां पीने के पानी का संकट है। इसलिए क्योंकि लोगों की घरों में पानी बचाकर रखने की आदत नहीं है। यहां पहाड़ ही पानी का जरिया हैं। बहती धाराओं के नीचे बनाए गए कुंड या इनके नीचे खासतौर पर रखी टंकियों में पानी जमा होता है। फिर पीवीसी पाइपों से सीधे घरों में पहुंचता है। स्थानीय निवासी 50 वर्षीय केनी का सवाल...
More »पोलावरम सिंचाई परियोजना पर जनसुनवाई
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार के सख्त विरोध के बाद केंद्र सरकार ने आंध्रप्रदेश द्वारा गोदावरी नदी पर सिंचाई परियोजना आरम्भ करने की योजना पर जनसुनवाई करने का फैसला किया है। छत्तीसगढ़ विधानसभा में बुधवार को कहा गया कि राज्य सरकार द्वारा पोलावरम सिंचाई परियोजना का मुद्दा केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश के सामने उठाने पर पर्यावरण मंत्री ने एक जनसुनवाई करने पर सहमति जताई है। छत्तीसगढ़ सरकार के मुताबिक...
More »सूख गये सब ताल-तलैया, दगा दे रहा चापाकल
उजियारपुर। 'यहां तक आते-जाते सूख जाती है कई नदियां, हमें मालूम है कि पानी कहां ठहरा होगा।' कवि दुष्यन्त की यह पंक्ति प्रखंड में बढ़ रहे जलसंकट और गिरते जलस्तर पर मुरीद बैठता है। प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में सूख रहे चापाकल, तालाब व नदियों को देखकर भीषण पेयजल का संकट उत्पन्न शुरू हो गया है। चांदचौर शंकर चौक की हालात इतने बदतर हैं कि एक मात्र तारापंप से पांच...
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