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613 गांवों को मिलेगा पीने का शुद्ध पानी

पटना: नौ जिलों के 613 गांवों में रहनेवाले लोगों को इस वर्ष शुद्ध पेयजल मिलेगा. केंद्र की राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल आपूर्ति योजना के तहत सभी गांवों में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति होगी. बिहार सरकार के स्तर पर सिर्फ मधुबनी जिले की छह ग्रामीण जलापूर्ति योजनाओं को संस्टेबल बनाने का काम होगा. इस पर 89.90 लाख रुपये खर्च होंगे. मधुबनी में जलापूर्ति योजना का काम बिहार राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन...

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मनरेगा पर ज्यादा सरकारी धन खर्च

मनरेगा देश की सबसे बड़ी योजना है, जिस पर केंद्र सरकार 40-42 हजार करोड़ रुपये सालाना खर्च करती है. इसके मकसद के बारे में सभी जानते हैं. महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) एक कानून है, जो शासन को इस बात के लिए बाध्य करता है कि वह किसी भी ग्रामीण परिवार के वैसे सदस्यों को एक साल में सौ दिन का रोजगार मुहैया कराये, जो 18 साल...

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अजजा, अजा व ओबीसी स्कूलों का लें लाभ

मित्रो, कल्याण विभाग राज्य की अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यकों के लिए कार्यक्रम चलाता है. राज्य में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की कुल आबादी 38.14 प्रतिशत है. इनमें 11.84 प्रतिशत अनुसूचित जाति और 26.30 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति हैं. अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग के लिए अविभाजित बिहार के समय से छात्रवास की सुविधा थी. उस समय अनुसूचित जाति के लिए 257 छात्रवास थे, जिनमें 11520...

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सरकार स्वीकार करेगी एसएमएस को भी दस्तावेज के तौर पर.

सरकार अब एसएमएस को दस्तावेज के तौर पर स्वीकार करेगी। खासकर भुगतान, रजिस्ट्रेशन करने और कई अन्य योजनाओं के संबंध में। ठीक वैसे ही जिस तरह रेलवे का टिकट एसएमएस के जरिए आने पर उसे दिखाकर सफर करने की सुविधा अभी मिल रही है। केंद्र सरकार ने सोमवार को 'मोबाइल सेवा' शुरू की है। 100 विभागों की 241 सेवाएं इससे जोड़ी गई है। इनमें सूचना का अधिकार, स्वास्थ्य, आधार कार्ड और...

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भारत का 'चुप्पा' विकास जो किसी को नहीं दिखा

उस वक्त को गुजरे ज़्यादा दिन नहीं हुए जब भारत के सबसे ग़रीब ज़िलों में बुनियादी सुविधाएं बहुत कम और विरल थीं. ज़्यादातर लोग अपने हालात के भरोसे थे. इनमें से कुछ लोगों को भरे-पूरे प्राकृतिक वातावरण का संग-साथ हासिल था और शायद उनकी जिन्दगी में वह आज़ादी और उत्साह भी था जो आज खो गया है. लेकिन अन्य बहुत से लोग भूख, असुरक्षा और शोषण के साये में रहते थे...

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