भारत उन 163 देशों की सूची में सबसे ऊपर है, जिनके बाशिंदे हर साल सबसे अधिक बाढ़ की मुसीबतें झेलते हैं। हाल के दिनों में चेन्नई, श्रीनगर, मुंबई जैसे शहरों में सैलाब से तबाही का जो मंजर हमने देखा, उसके लिए बहुत हद तक दोषी हमारा गैर-जिम्मेदाराना रवैया और अनियोजित शहरीकरण है। मिन्ट के डिप्टी मैनेजिंग एडिटर अनिल पद्मनाभन का विश्लेषण चेन्नई में आई बाढ़ अब उतार पर है। इस त्रासदी...
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जलवायु परिवर्तन से बड़े होने लगे हैं दिन
टोरंटो। रात के मुकाबले दिन की लंबाई धीरे-धीरे बढ़ने लगी है। वैज्ञानिकों ने एक हालिया अध्ययन में यह निष्कर्ष निकाला है। उनका मानना है कि जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों के चलते ही दिन बड़े होने लगे हैं। शोधकर्ताओं का दावा है कि वैश्विक तापमान में बढ़ोतरी के चलते ध्रुवों के निकट ग्लेशियरों के पिघलने का सिलसिला लगातार जारी है। इससे समुद्र तल में वृद्धि हो रही है। उनका कहना है कि...
More »2017 तक 50 अरब डॉलर का होगा डिब्बाबंद खाद्य बाजार
एक सर्वेक्षण के अनुसार खाने के लिए तैयार (रेडी टु ईट) उत्पादों की बढ़ती लोकप्रियता के बीच देश का डिब्बाबंद खाद्य बाजार 2017 तक 50 अरब डॉलर का हो जाएगा जो फिलहाल 32 अरब डॉलर का है। उद्योग मंडल ऐसोचैम के सर्वेक्षण में कहा गया महानगरों में खाने की आदतों में बड़ा बदलाव हुआ है। हालांकि 79 प्रतिशत परिवार दोहरी आमदनी, जीवन शैली और सुविधाओं में भारी बढ़ोतरी के कारण करीब...
More »वायु प्रदूषण कम करने के लिए आगे आई हरियाणा की एक खाप
चंडीगढ़। हरियाणा की खाप पंचायतें आमतौर पर महिलाओं के खिलाफ फतवे जारी करने के लिए ही बदनाम रही हैं। मगर, हाल के दिनों में कुछ फैसले यह बताने के लिए काफी हैं कि अब वे भी आधुनिकता की ओर बढ़ रही हैं। इसी कड़ी में ताजा फैसला पर्यावरण को नुकसान से बचाने के सिलसिले में लिया गया है। हरियाणा की दहिया खाप ने फैसला किया है कि वह किसानों द्वारा खेत...
More »मेरी, आपकी और उनकी कार-- हरजिंदर
मध्य वर्ग के लिए कार सिर्फ कार नहीं होती। महानगरों से लेकर छोटे शहरों और कस्बों तक, वह एक ऐसे सपने का परिणाम भी होती है, जिसे लंबे समय तक संजोया जाता है। इस सपने को पूरा करने के लिए न सिर्फ जी-तोड़ मेहनत करनी पड़ती है, बल्कि तरह-तरह के जुगाड़ भी बिठाने पड़ते हैं- मार्जिन मनी, कार लोन वगैरह। इस वर्ग के लिए यह सपना कितना महत्व रखता है,...
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