SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 322

304 शिक्षकों का प्रमाण पत्र फरजी

रांची : पारा शिक्षकों के प्रमाण पत्रों के सत्यापन का काम शुरू हो गया है़. जिलों के जिला शिक्षा अधीक्षक द्वारा अब तक लगभग 41 हजार पारा शिक्षकों का प्रमाण पत्र सत्यापन के लिए भेजा गया है़. राज्य में लगभग 78 हजार पारा शिक्षक कार्यरत है़ं इनमें से 37 हजार पारा शिक्षकों का प्रमाण पत्र अभी सत्यापन के लिए भेजा जाना है़. जिन 41 हजार पारा शिक्षकों का...

More »

पंचायत चुनाव : आरक्षण को लेकर होगा बदलाव, 90% सीटों का बदलेगा स्वरूप

पटना : अगले साल होनेवाले पंचायत चुनाव में 90 फीसदी सीटों का स्वरूप बदल जायेगा. सिर्फ सामान्य वर्ग की 10 फीसदी सीटें ही यथावत रह पायेंगी. सामान्य वर्ग की अधिकतर सीटें किसी-न-किसी आरक्षित कोटे के अंतर्गत चली जायेंगी.  पंचायतों के पदों में आरक्षण को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग इस बार बदलाव करने की तैयारी में है. राज्य निर्वाचन आयोग ने इसका प्रस्ताव सरकार को भेज दिया है. अभी सरकार...

More »

क्या हम संविधान के अनुरूप चल रहे हैं?-- श्योराज सिंह बेचैन

यह एक सुखद संयोग ही है कि पिछले दिनों ज्योतिबा फुले की पुण्यतिथि और बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की जन्मतिथि के 125 वर्ष पूरे हुए हैं। दोनों महापुरुषों ने गरीबों, दलितों और स्त्रियों की शिक्षा पर विशेष बल दिया। पर इनके आदर्शों को मानने-न मानने वालों-दोनों ने शिक्षा व्यवस्था को नुकसान पहुंचाया है। अब सरकारी और सस्ती शिक्षा शायद ही कहीं मिलती हो। पिछले दिनों संविधान दिवस के अवसर पर संसद...

More »

मानवाधिकारों पर चंद खरी बातें - मृणाल पांडे

वर्ष 1950 में संयुक्त राष्ट्र संगठन ने विश्व स्तर पर मानवाधिकारों की व्याख्या करते हुए विश्वयुद्धों से घायल दुनिया को 10 दिसंबर के दिन सालाना मानवाधिकार दिवस मनाने का संदेश दिया था। उस व्याख्या का मसौदा बाइबिल के बाद दुनिया का सबसे अधिक अनूदित दस्तावेज बताया जाता है। लेकिन मानवाधिकार दिवसों की छह दशक से लंबी श्रंखला और उस पर तमाम गहन चिंतन-मनन के बाद भी दुनिया में मानवाधिकारों की,...

More »

दुनिया में देश की साख पर बट्टा क्यों? - मेघनाद देसाई

एक ऐसे समय में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'सबका साथ, सबका विकास" की भावना के साथ देश-विदेश में भारत की छवि को चमकाने और देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने तथा उसमें सुधार की पुरजोर कोशिश में लगे हुए हैं, तब दूसरी ओर देश में राष्ट्रीय मीडिया के एक बड़े हिस्से और खासकर टीवी चैनलों और कुछ अखबारों में नकारात्मक खबरों को न केवल अत्यधिक महत्व दिया जा रहा...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close