-वाटर पोर्टल, उत्तराखंड़ का भौगोलिक और पौराणिक महत्व किसी भी अन्य क्षेत्र की अपेक्षा कईं ज्यादा अलौकिक और वृहद है। उत्तराखंड़ के संदर्भ में कहा जाता है कि ‘पहाड़ की जवानी पहाड़ के किसी काम नहीं आती। वो तो रोजगार की तलाश में मैदानों में चली जाती है। पहाड़ों पर तो बचते हैं, बूढ़े मां-बाप और बच्चे।’ जो लोग बचे हैं, वें चौड़ी पत्ती वाले जंगलों के कम होने से हर साल जल...
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2019 में मारे गए रिकॉर्ड 212 पर्यावरण योद्धा, भारत में गई 6 की जान
-डाउन टू अर्थ, पिछले साल पर्यावरण, जंगलों और अपनी जमीन को बचाने में 212 लोगों की जान गई थी| भारत की बात करें तो पिछले साल यहां 6 पर्यावरण कार्यकर्ताओं को मार दिया गया था। यह जानकारी आज ग्लोबल विटनेस नामक संस्था द्वारा जारी रिपोर्ट में सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार दक्षिण अमेरिका महाद्वीप में सबसे ज्यादा हत्याओं के मामले सामने आए हैं जहां लगभग दो-तिहाई से अधिक हत्याएं हुईं हैं।...
More »“एक बेहतर दुनिया की ओर”: मेधा पाटकर ने शुरू किया ग्रेटा थुनबर्ग से प्रेरित युवाओं का नया अभियान
-न्यूजलॉन्ड्री, ग्रेटा थुनबर्ग से प्रेरित हो कर अनेक युवाओं ने एक नया अभियान आरंभ किया- ‘एक बेहतर दुनिया की ओर’. प्रख्यात मानवाधिकार कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने इस अभियान को जारी करते हुए देश-विदेश के युवाओं को याद दिलाया कि महात्मा गाँधी ने कहा था कि प्रकृति में इतने संसाधन तो हैं कि हर एक की ज़रूरतें पूरी हो सकें परन्तु इतने नहीं कि एक का भी लालच पूरा हो सके. सबके...
More »एक नजर जलवायु परिवर्तन पर
-इंडिया वाटर पोर्टल, प्रायः ऋतुओं के समय में विचित्र एवं असम्भावित परिवर्तन होते रहते हैं जिससे ऋतुओं का प्रारम्भ अपने निर्धारित क्रमानुसार नहीं होता, जैसा कि होना चाहिए। निर्धारित समय से पूर्व वर्षा ऋतु का आगमन या अभूतपूर्व शीतलहरी आदि अप्रत्याशित घटनाओं को देखकर वैज्ञानिकों का ध्यान ऋतु विपर्यय की ओर गया है। देश-विदेश के विशेषज्ञ अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर इस समस्या के अध्ययन में लगे हुए हैं। वे इसे जलवायु परिवर्तन...
More »महामारी की आड़ में जनता को जनसुनवाई से महरूम करने की कोशिश?
-न्यूजलॉन्ड्री, लॉकडाउन के समय जनता घर में बंद थी और लाखों मजदूर सड़क पर थे. ऐसे में केंद्र सरकार ने पूर्व में बनाए गए कई नियम-कानूनों में ऐसे संशोधन प्रस्तावित कर दिए जिन्हें यदि वह सामान्य समय में प्रस्तावित करती तो उसे कड़े विरोध का सामना करना पड़ता. इन प्रस्तावित संशोधनों में सबसे महत्वपूर्ण संशोधन है केंद्रीय पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन (ईआईए यानी एनवायरमेंट इंपैक्ट ऐससमेंट)...
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