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बैंक नोटिस ने ली किसान की जान

लखनऊ। बुंदेलखंड के महोबा जिले में बैंक का नोटिस एक किसान की मौत की वजह बन गया। त्रिवेणी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के इस नोटिस में किसान से जो रकम चुकाने को कहा गया था, वह उधार ली गई रकम की छह गुना थी। इतनी बड़ी रकम चुकाने की बात से सदमे में आए किसान की मौत हो गई। जानकारी के अनुसार अतरारमाफ गांव में रहने वाले कलूटा सिंह फसल बर्बाद होने...

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रंग लाए पर्यावरण बचाने के लिए किए गए एकल प्रयास

रतलाम। प्रकृति से छेड़खानी के परिणाम लगातार लोगों को भुगतने पड़ रहे हैं। कम हो रहे वन क्षेत्र और पेड़-पौधों की सुरक्षा पर समुचित ध्यान नहीं देने से मौसम चक्र गड़बड़ा गया है। ठंड और गर्मी में बारिश के साथ ओले गिर रहे हैं। इस मामले में कुछ सजग प्रहरियों के एकल प्रयास देखने में आए हैं। उनके प्रयास रंग भी लाने लगे हैं। आज 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस...

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महोबा में कर्ज में डूबे किसान की मौत

महोबा। तंगहाली के कारण भुखमरी से जूझ रहे किसान प्रकृति प्रकोप के चलते टूटते चले जा रहे हैं। मंगलवार को बैंक का अचानक आया नोटिस देखकर श्रीनगर के अतरारमाफ के रहने वाले किसान कलूटा की सदमे से मौत हो गई। घटना से परिवारीजन में कोहराम मचा है। अतरारमाफ निवासी कलूटा ने वर्ष 2009 में त्रिवेणी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक ननौरा से एक लाख 33 हजार का केसीसी बनवाया था। कभी सूखा तो...

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जिनको हाशिए पर भी जगह नहीं- अतुल चौरसिया

हिसार के पश्चिमी छोर पर स्थित एक विशाल फॉर्महाउस विरोधाभासों की जमीन है. इसके आधे हिस्से में एक शानदार कोठी, लॉन और पोर्टिको बने हैं जबकि बाकी का आधा हिस्सा बेतरतीब काली पॉलीथीन से ढंकी करीब 60-70 झुग्गियों से पटा हुआ है. जहां-तहां पानी के गड्ढे हैं जिनमें मच्छर और मक्खियां बहुतायत में पल-बढ़ रहे हैं. इसी झुग्गी बस्ती में अपनी कुछ मुर्गियों और दो सुअरों के साथ 80 साल...

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खेती-किसानी के मुद्दे गायब हैं चुनाव से- महक सिंह

चुनाव के दौरान सांप्रदायिकता, क्षेत्रवाद और व्यक्तिवाद की बातें की जा रही हैं, पर गांव, खेती और 54 प्रतिशत जनता के मुद्दे गौण हैं। कृषि क्षेत्र में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी), पूंजी निर्माण और कृषि निर्यात लगातार घटते जा रहे हैं। 1950-51 में जीडीपी में कृषि की भागीदारी 53.1 प्रतिशत थी, जो 2012-13 में घटकर 13.7 प्रतिशत रह गई। गांव-शहर तथा किसान-गैर किसान के बीच खाई बढ़ती जा रही है।...

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