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नोटबंदी के समर्थन में कई जिनकी किताब का हवाला देते हैं वे खुद इसे लेकर क्या सोचते हैं?

-सत्याग्रह, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के मुख्य अर्थशास्त्री रह चुके और इन दिनों हॉर्वर्ड विश्वविद्यालय में पढ़ा रहे प्रोफेसर केन रोगॉफ को अर्थनीति के सबसे बड़े विचारकों में गिना जाता है. उनकी किताब ‘द कर्स ऑफ कैश’ (नकदी का शाप) के प्रकाशित होने के कुछ ही समय बाद मोदी सरकार ने नोटबंदी का ऐलान कर दिया था. इसका समर्थन करने वाले कई लोगों ने ‘द कर्स ऑफ कैश’ का भी हवाला...

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अमेरिका चुनावः बाइडन का रुख़ भारत से जुड़े कई मसलों पर ट्रंप से है अलग

-बीबीसी,  डोनाल्ड ट्रंप को शिकस्त देने के साथ ही जो बाइडन का अमेरिकी राष्ट्रपति बनने का रास्ता साफ़ हो गया है. 77 साल के बाइडन ओबामा प्रशासन के दोनों कार्यकाल में उप राष्ट्रपति रह चुके हैं. बाइडन का राजनीतिक सफ़र बहुत लंबा रहा है. बतौर उप राष्ट्रपति भी उनका अच्छा-ख़ासा अनुभव रहा है और उन्हें विदेश मामलों का जानकार माना जाता है. ऐसे में दुनिया के सबसे ताक़तवर मुल्क का राष्ट्रपति बनने के बाद...

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सीएए विरोधी हिंसा: हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद लखनऊ प्रशासन ने फ़िर लगवाए आरोपियों के पोस्टर

-द वायर,  इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ पिछले साल दिसंबर में राजधानी लखनऊ में हुए हिंसक प्रदर्शन के आरोपियों के पोस्टर नाम और पते के साथ एक बार फिर पुलिस और प्रशासन द्वारा लगवा दिए गए हैं. दो तरह के पोस्टर लगाए गए हैं, एक तरह पोस्टर में जिन्हें पुलिस को तलाश (वॉन्टेड) है उनकी जानकारी है, जबकि दूसरी तरह के पोस्टरों में ‘फरार’ लोगों का...

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क्या रेप पीड़ित दलित लड़कियां और महिलाएं न्याय के लिए ज्यादा चुनौतियां झेलती हैं? हर दिन 10 दलित महिलाओं के साथ हो रहा रेप

-गांव कनेक्शन,  पूरे देश का ध्यान अपनी तरफ खींचने वाला हाथरस का केस हो या राजस्थान में अजमेर को बंधक बनाकर 8 घंटे तक महिला के साथ गैंगरेप, दोनों ही पीड़िताएं दलित समुदाय से थीं। दोनों मामलों की जांच जारी है, न्याय और तथ्यों की बातें कोर्ट में होंगी। पर इस पर अभी तक जो टीका-टिप्पणी हुई है वो ये समझने के लिए काफी है कि जब किसी दलित पीड़िता के...

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कोसी तटबंध तोड़ने का सच

-वाटर पोर्टल, यमुना प्रसाद मंडल, सांसद ने डलवा में तटबंध टूटने की समीक्षा करते हुये 4 सितम्बर 1963 को कहा था कि, डलवा के निकट जो खतरनाक स्थिति उत्पन्न हो गई थी, उस ओर हमने अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट किया लेकिन मैं यह कहते हुए लज्जित हूं कि उस दुरावस्था की ओर उस समय कदम नहीं उठाया गया। तब नेताओं को अपनी असफलता पर शर्म आया करती थी। अरसा हुआ यह रस्म...

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