-गांव कनेक्शन, "अगर हमें यहां काम मिलता रहता तो हम गांव छोड़कर क्यों जाते ? हमें इधर लॉकडाउन में सिर्फ 12 दिन का मनरेगा में काम मिला है, इसके 5 साल पहले मनरेगा में काम मिला था। जब काम नहीं मिला तो हमारे जैसे गांव के बहुत से लोग कमाने के लिए शहर चले गए।" उत्तर प्रदेश में ललितपुर जिले के बालाबेहट गांव की गुड्डी बताती हैं। गुड्डी के गांव के...
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पर्यावरण की दशा-दिशा 2020: कितनी बदली हवा?
-डाउन टू अर्थ, जनवरी 2019 में शुरू किया गया राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी), वायु गुणवत्ता प्रबंधन व अनुपालन के लिए एक राष्ट्रीय ढांचा बनाने की दिशा में एक कदम है। कार्यक्रम के तहत, पीएम 10 और पीएम 2.5 के लिए राष्ट्रीय परिवेश वायु गुणवत्ता मानकों (एनएएक्यूएस) को पूरा नहीं करने वाले 122 शहरों की पहचान “गैर-प्राप्ति” शहरों के रूप में की गई है। इनमें से लगभग 60 प्रतिशत शहर गंगा...
More »प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देशवासियों के नाम लिखी चिट्ठी पढ़िए
आज से एक साल पहले भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक नया स्वर्णिम अध्याय जुड़ा. देश में दशकों बाद पूर्ण बहुमत की किसी सरकार को लगातार दूसरी बार जनता ने ज़िम्मेदारी सौंपी थी. इस अध्याय को रचने में आपकी बहुत बड़ी भूमिका रही है. ऐसे में आज का यह दिन मेरे लिए, अवसर है आपको नमन करने का, भारत और भारतीय लोकतन्त्र के प्रति आपकी इस निष्ठा को प्रणाम करने...
More »गिर रही थी मोदी 2.0 की साख, कोविड-19 के कारण मिली राहत की सांस
-द क्विंट, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का एक साल मौन धूम धड़ाके के साथ पूरा हो रहा है, क्योंकि कोविड-19 महामारी ने इसकी मिश्रित कामयाबियों के दंभ को सीमित कर दिया है. कोरोना वायरस संकट से निपटने में सरकार ने जो अक्षमता, संवेदनहीनता और तानाशाही दिखाई है, और सरकारी उपेक्षा और अव्यवस्था के बीच लाखों की तादाद में अपने घर लौटते प्रवासी मजदूरों ने जो दर्दनाक पीड़ा झेली...
More »पथ का साथी: लौट रहे प्रवासी गांव में क्या करेंगे, मनरेगा कितना देगा साथ?
-डाउन टू अर्थ, डाउन टू अर्थ हिंदी के रिपोर्टर विवेक मिश्रा 16 मई 2020 से प्रवासी मजदूरों के साथ ही पैदल चल रहे हैं। उन्होंने इस दौरान भयावह हकीकत को जाना और समझा। वे गांव की ओर जा रहे या पहुंच चुके प्रवासियों की पीड़ा जानने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या वे कभी अब शहर की ओर रुख करने की हिम्मत भविष्य में जुटा पाएंगे? उनके इस सफर को...
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