जब खेती योग्य जमीनें कौड़ियों के भाव अधिगृहीत की जाने लगीं, तो वर्ष 2010 में भूमि अधिग्रहण को लेकर किसानों ने ‘किसान संघर्ष समिति' के बैनर तले पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तीव्र विरोध किया। कई जगहों पर उग्र-हिंसक प्रदर्शन हुए, जिसके चलते किसान-पुलिस टकराव के दौरान कई लोगों की जानें गईं। दरअसल भूमि अधिग्रहण कानून के बल पर किसानों की जमीनें सस्ते में खरीदकर उद्योगपतियों को दी जा रही थीं, जो...
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पुरानी परेशानियों का खुलेगा पिटारा - जयराम रमेश
विगत सोमवार को मोदी सरकार ने भूमि अधिग्रहण कानून-2013 में संशोधन के लिए प्रस्तावित अध्यादेश को मंजूरी दे दी। इस संशोधन के संदर्भ में जो कुछ सामने आया है, उसके तहत कुछ परियोजनाओं की अलग श्रेणी बनाई गई है, जिन्हें कथित तौर पर त्वरित ढंग से पूरा किया जाना है। इस श्रेणी के तहत जो विषय शामिल किए गए हैं, उनमें औद्योगिक कॉरिडोर, रक्षा एवं रक्षा उत्पादन तथा ग्रामीण बुनियादी...
More »राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नरेंद्र मोदी सरकार से पूछा भूमि अधिग्रहण अध्यादेश पर इतनी जल्दी क्य
नयी दिल्ली : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नरेंद्र मोदी सरकार ने पूछा है कि वह भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को लागू कराने को लेकर जल्दी में क्यों है. अध्यादेश पर हस्ताक्षर करने से पहले उन्होंने पूछा है कि सरकार को इस संशोधन को लागू करने की इतनी जल्दी क्यों है? राष्ट्रपति ने संशोधनों को बुधवार को स्वीकृत किया. मालूम हो कि सरकार ने भूमि अधिग्रहण कानून के प्रति नरमी दिखाते...
More »बड़ा फैसला: किसान की रजामंदी के बिना होगा अधिग्रहण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने आर्थिक सुधार के मोर्चे पर एक और साहसिक फैसला लिया है। विपक्ष के विरोध के बावजूद बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश की सीमा 49 फीसदी करने और कोयला क्षेत्र के लिए फिर से अध्यादेश लाने के फैसले के कुछ ही दिन बाद सरकार ने भूमि अधिग्रहण कानून में बदलाव के लिए भी अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में सोमवार को...
More »गुड न्यूज: अब लड़कियां नहीं बनेंगी बालिका वधु !-- संजय
प्रभात खबर,गिरिडीह जिले के गिरिडीह प्रखंड स्थित अलगुंदा पंचायत की सलमा तरन्नुम पांच किमी दूर लेदा के टिकैत रामेश्वर प्रसाद हाई स्कूल में पढ़ती है. दसवीं कक्षा की सलमा उन किस्मतवाली बच्चियों में शामिल है, जिनको गिरिडीह जिले की हजारों बच्चियों की तरह बालिका वधु नहीं बनना पड़ता. झारखंड के देवघर जिले के बाद गिरिडीह में सर्वाधिक बाल विवाह होता है. यहां लड़कियों की शादी 14 से 17 साल के बीच...
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