समर्थन मूल्य के बढ़ने पर क्या इस बात की गारंटी हो जाती है कि किसान को ऊपज का लाभकर मूल्य ही जायेगा ? और, क्या न्यूनतम समर्थन मूल्य के बढ़वार का खाद्य-वस्तुओं की महंगाई से कोई सीधा रिश्ता है, जैसा कि अर्थशास्त्रियों का एक तबका अक्सर तर्क देता है ? अगर आप सोच रहे हैं कि हां, ऐसा हो सकता है तो फिर नीचे लिखे तथ्यों को गौर से पढ़िये- हो सकता है,...
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पोषण और अंडे का संघर्ष- ज्यां द्रेज
बच्चों को लेकर भारत में एक बड़ा विरोधाभास दिखायी देता है. एक तरफ, घर में बच्चों को बहुत प्रेम किया जाता है. दूसरी तरफ, लोक-नीति में बच्चों पर बहुत कम ध्यान दिया जाता है. आज भी गरीब बच्चों को न सही शिक्षा मिल रही है, न स्वास्थ्य सुविधा और न ही पोषण. इसके कारण बांग्लादेश और नेपाल की तुलना में भारत के बाल विकास से संबंधित आंकड़े कमजोर हैं. इससे...
More »चुनावों में पीछे छूटते असली मुद्दे- आशुतोष चतुर्वेदी
पांच राज्यों छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, मिजोरम, तेलंगाना और राजस्थान में विधानसभा चुनावों पर पूरे देश की निगाहें लगी हुईं हैं. नतीजे किस करवट बैठेंगे, इसको लेकर नेताओं की धड़कनें तेज हैं. छत्तीसगढ़ में 12 नवंबर को पहले चरण का मतदान है. छत्तीसगढ़ की प्रकृति झारखंड से बहुत मिलती-जुलती है, लेकिन राजनीतिक समीकरण अलग हैं. छत्तीसगढ और मध्य प्रदेश में भाजपा का दबदबा रहा है और वह पिछले पंद्रह साल से...
More »क्या हम केरल की बाढ़ से सबक लेंगे-- एस श्रीनिवासन
आखिरी समाचार मिलने तक केरल की बाढ़ लगभग 400 लोगों को निगल चुकी है। करीब 10 लाख लोगों को इसके कारण बेघर होना पड़ा है और निजी व सरकारी संपत्तियों के नुकसान का आंकड़ा तो हजारों करोड़ में पहुंचेगा। एक बार जब बारिश थमेगी और राज्य सरकार अपनी अर्थव्यवस्था, इन्फ्रास्ट्रक्चर और जन-स्वास्थ्य को फिर से पटरी पर लाने का काम शुरू करेगी, तब उसे कहीं गंभीर समस्याओं का सामना करना...
More »न्यूनतम मजदूरी का सवाल-- मनींद्र नाथ ठाकुर
बढ़ती महंगाई को देखते हुए देश में क्या न्यूनतम मजदूरी को बढ़ाया जाना चाहिए? यह सवाल इसलिए भी उठ खड़ा हुआ है, क्योंकि दिल्ली और ओड़िशा के सरकारों ने इसमें महत्वपूर्ण पहल करने का निर्णय लिया है? पूंजीवादी विकास के तीन आधार हैं और उनमें एक संतुलन बनाये रखने का काम राज्य के जिम्मे होता है. पहला आधार है पूंजी, जिसके मालिकों को इस बात के लिए प्रेरित करना...
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