चेन्नई की बाढ़ जलवायु परिवर्तन के गंभीर परिणामों का एक भयावह उदाहरण तो है ही, इससे हुई तबाही ने मानव समाज की खतरनाक गलतियों के नतीजों को भी रेखांकित किया है. हाल के वर्षों में उत्तराखंड, कश्मीर समेत देश के विभिन्न इलाकों में बाढ़ की त्रासदी का कहर लगातार बढ़ा है. तेज शहरीकरण और विकास की आपाधापी में सरकार और समाज प्राकृतिक तंत्रों को बेतहाशा बरबाद कर रहे हैं. नदियां...
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खामियां नहीं सुधरी इसलिए बिगड़ा शिक्षा का स्तर
रायपुर। पिछले सालों में स्कूलों के निरीक्षण के नाम पर अफसरों ने महज खानापूर्ति की है। निरीक्षण के बाद कमियां मिलीं, लेकिन उन पर काम नहीं हुआ। नब्बे फीसदी सी और डी ग्रेड के स्कूलों में पढ़ाई स्तर गिरने की वजह ये भी है। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम शिक्षा गुणवत्ता अभियान के तहत करीब पंद्रह हजार स्कूलों का निरीक्षण करने के बाद मंत्री, विधायक, सांसद और अफसरों ने जो निरीक्षण...
More »बेतरतीब विकास से आई आफत - संजय गुप्त
पेरिस में जलवायु सम्मेलन के दौरान ही चेन्न्ई में बारिश से मची तबाही के कारण आम लोगों के लिए भी जलवायु परिवर्तन और अधिक चिंता का विषय बन गया है। चेन्न्ई के संकट ने यह स्पष्ट किया कि जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाली समस्याएं सिर उठा चुकी हैं और उनका सामना करने के अलावा और कोई उपाय नहीं। पेरिस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत का पक्ष मजबूती...
More »भुखमरी और इलाज के अभाव में मर रहे श्रमिक : परिजन
जलपाईगुड़ी: चाय श्रमिकों की मौत का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. डंकन्स ग्रुप के तीन चाय बागानों में एक ही दिन में तीन श्रमिकों की मौत हो गयी. शुक्रवार को तड़के हांटुपाड़ा चाय बागान के श्रमिक लोटो खड़िया (68) की मौत हो गयी. इसी दिन सुबह बीरपाड़ा स्टेट जनरल अस्पताल में बीरपाड़ा चाय बागान के श्रमिक संचारी उरांव (48) की मौत हो गयी, तो शुक्रवार की...
More »क्यों जीएसटी है सबसे बड़ा आर्थिक सुधार
नई दिल्ली। अरविंद सुब्रमणियन समिति की रिपोर्ट और जदयू व बसपा जैसे विपक्षी दलों के समर्थन में आने के बाद अब जीएसटी की राह आसान होने के कयास लगाए जा रहे हैं। वित्त मंत्री अरुण जेटली से लेकर तमाम अर्थविद इसे आजादी के बाद सबसे बड़ा आर्थिक सुधार मान रहे हैं। आखिर जीएसटी का लागू होना सबसे बड़ा आर्थिक सुधारवादी कदम कैसे होगा। जानकारों की मानें तो जीएसटी का सबसे बड़ा...
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