राज्य अपने-अपने क्षेत्र में बहती नदियों को अपने स्वामित्व की सरकारी संपत्ति मानते रहे हैं। कई मामलों में राज्यों की जनता भी वैसी ही समझ रखती है। ऐसी संपत्ति जिसको वे तिजोरी में बंद कर सकते हैं और उसमें दूसरों की हिस्सेदारी वे ही तय करेंगे। बांधों और नहरों पर पहरे लगने और उनके लिए जंग होने की खबरें अब कोई नई बात नहीं हैं। कावेरी नदी के जल पर...
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ऐसे तो नहीं बचेंगी बेटियां-- रीता सिंह
नीति आयोग का यह खुलासा चिंतित करने वाला है कि देश के इक्कीस बड़े राज्यों में से सत्रह राज्यों में जन्म के समय लिंगानुपात में गिरावट दर्ज हुई है। नीति आयोग ने अपनी ‘हेल्दी स्टेट्स एंड प्रोग्रेसिव इंडिया' रिपोर्ट में कहा है कि सबसे चिंताजनक हालत गुजरात की है जहां सबसे ज्यादा तिरपन अंकों की गिरावट दर्ज हुई है। जबकि हरियाणा में पैंतीस अंक, राजस्थान में बारह अंक, उत्तराखंड में...
More »हवाई किराये में कटौती के मायने-- अफरोज आलम साहिल
केंद्र सरकार ने पहले हज सब्सिडी खत्म की और अब हज पर जाने के लिए हवाई किराये में भारी कटौती का ऐलान किया है. यकीनन, यह खबर देश के मुसलमानों के लिए एक अच्छी खबर है. जिस तरह से सब्सिडी खत्म किये जाने का स्वागत किया गया, वैसे ही इसका भी इस्तकबाल किया जाना चाहिए. लेकिन जो दिख रहा है, वह पूरी हकीकत नहीं है. हवाई किराये में भारी कटौती...
More »झारखंड : गुमला के खटगांव में सन्नाटा, ढाई महीने से भागे-भागे फिर रहे ग्रामीण
रांची/गुमला : कभी एकता की मिसाल कहा जानेवाला गुमला जिले के पालकोट थाना क्षेत्र का गांव खटगांव पर जैसे किसी की नजर लग गयी है. एक समय गांव में खुशहाली थी. आज वीरानी छायी है. दो घटनाओं ने गांव पर ग्रहण लगा दिया है. स्थिति यह है कि पिछले ढाई माह से गांव में सिर्फ बुजुर्ग और बच्चे ही हैं. लोग पुलिस के डर से छिपते फिर रहे हैं....
More »क्या बैंक निजीकरण सही हल है?
भारत जैसे विशाल देश में 136 करोड़ लोगों के विकास की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए बनी सरकारी नीतियों के क्रियान्वयन में सरकारी बैंक प्रमुख भूमिका निभाते हैं. यदि ये न हों, तो विशालकाय केंद्रीय योजनाएं जैसे कि जन-धन योजना, मुद्रा योजना आदि कभी लागू ही न हो सकें. इन्हीं से ही व्यापक सामाजिक उत्थान का स्वप्न देखने में सरकार को एक ठोस धरातल मिलता है. यूनाईटेड बैंक आॅफ...
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