रांची : राजधानी के निजी स्कूलों में बच्चों के लगभग 15 करोड़ रुपये जमा हैं. ये पैसे नामांकन के समय निजी स्कूलों की ओर से सिक्युरिटी मनी के रूप में लिये गये हैं. यह राशि तब तक स्कूलों में जमा रहती है, जब तक विद्यार्थी अपना नामांकन नहीं कटा लेते. अगर कोई बच्च कक्षा प्रेप या यूकेजी में विद्यालय में नामांकन लेता है और 12 वीं तक की पढ़ाई वहीं...
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थम क्यों जाते हैं बेटियों के कदम- ऋतु सारस्वत
हाल ही में केंद्र सरकार ने दिल्ली समेत सभी केंद्र शासित प्रदेशों में पुलिस बहाली में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण को मंजूरी दी है। निश्चय ही, यह कदम देश की आधी आबादी के ‘सशक्तीकरण' में महती भूमिका निभाएगा। गौरतलब है कि भारतीय पुलिस सेवा में महिलाओं की संख्या पिछले वर्ष ही एक लाख को पार कर गई थी। हालांकि सच यह भी है कि कुल पुलिस बल में...
More »प्रवासी कामगारों की बेहतरी की चिंता- पत्रलेखा चटर्जी
यमन में गृहयुद्ध ने पश्चिम एशिया में भारतीय प्रवासियों की दुर्गति को केंद्र में ला दिया है। वैसे तो हमारी सरकार युद्धरत क्षेत्र से भारतीयों को निकाल लाने की हरसंभव कोशिश कर रही है, लेकिन अनेक भारतीय ऐसे हैं, जो खुद ही वहां से नहीं निकलना चाहते। मसलन, केरल की अनेक नर्सें, जिनके अभिभावकों ने पहले उनके प्रशिक्षण, और फिर उन्हें विदेश भेजने के लिए भारी कर्ज लिया, वहां से...
More »शिक्षा पर सब्सिडी आधा करने की तैयारी
केंद्र सरकार पेशेवर शिक्षा पर दी जा रही ब्याज सब्सिडी को आधा करने की तैयारी में है। वजह यह है कि जितना बजट ब्याज सब्सिडी के लिए दिया गया था उससे ज्यादा के दावे सरकार के पास आ गए हैं। इसलिए सरकार ब्याज सब्सिडी में कटौती करने की तैयारी में है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय को इस संबंध में प्रस्ताव भेजा है। हालांकि इस मसले पर अभी...
More »सोच बदलने से बढ़ेगी साक्षरता- वरुण गांधी
वर्ष 2014 में देश में तीस करोड़ से ज्यादा बच्चे 6-17 के आयुवर्ग के थे। देश में प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों की संख्या क्रमशः 1,191,719 और 233,845 हैं, जबकि माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा में हमारा सकल पंजीकरण अनुपात क्रमशः 73.6 और 49.1 है। उच्चतर शिक्षा के क्षेत्र में तो यह अनुपात महज 21.1 फीसदी है। वहीं प्राथमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा में हमारा शिक्षक-विद्यार्थी अनुपात क्रमशः 28 और 40...
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