तत्कालीन यूपीए सरकार जब साल 2013 में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक लेकर आई, तो यह उम्मीद बंधी थी कि इस विधेयक के अमल में आ -जाने के बाद देश की 63.5 फीसद आबादी को कानूनी तौर पर तय सस्ती दर से अनाज का हक हासिल हो जाएगा। अफसोस, इस कानून को बने तीन साल हो गए, मगर यह आज भी पूरे देश में अमल में नहीं आ पाया है। नौ...
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छत्तीसगढ़ के सुगंधित चावल ब्रांड की राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर पर मार्केटिंग
रायपुर। छत्तीसगढ़ के राइस मिलर्स छत्तीसगढ़ में पैदा होने वाले सुगंधित चावल की स्थानीय किस्मों को ब्रांड के रूप में डेवलप करेंगे। इन ब्रांड की राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर पर मार्केटिंग होगी। वहीं फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाकर स्थानीय स्तर पर ढेरों प्रोडक्ट तैयार करने को लेकर भी सहमति दिखी। सम्मेलन में पहुंचे मिलर्स को यह सुझाव कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने दिया, जिस पर उन्होंने सहमति जताई। श्री अग्रवाल ने कहा...
More »उपलब्धियां बेमिसाल, फिर भी बाकी हैं सवाल- राजकुमार सिंह
आज हमारा गणतंत्र 66 साल का हो गया। लंबी गुलामी के बाद संघर्ष से मिली आजादी में गणतंत्र का यह सफर आसान हरगिज नहीं रहा। आजादी के साथ ही आयी विभाजन की विभीषिका से उबर कर भारत ने गणतंत्र की राह सोच-समझ कर ही चुनी थी। फिर भी अगर सफर आसान और परिणाम वांछित नहीं रहे, तो कारण विरासत में मिली जटिलताओं के साथ ही नीति-निर्धारण में दोष का भी...
More »किसानों को उचित दाम दीजिए- भरत झुनझुनवाला
किसानों की समस्याओं के प्रति सरकार संवेदनशील दिखती है, पर मात्र संवेदनशीलता से बात नहीं बनती है. पाॅलिसी की दिशा भी सही होनी चाहिए. मात्र उत्पादन बढ़ाने से किसान का उद्धार नहीं होगा. साठ के दशक में पूर्वी उत्तर प्रदेश में खेत परती पड़े रहते थे. सिंचाई रहट और ढेकली से होती थी. आज पूरे क्षेत्र में ट्यूबवेल का जाल बिछ गया है. बैल के स्थान पर ट्रैक्टर से खेती हो...
More »बिचौलियों का खेल है कीमत वृद्धि-- रघु ठाकुर
सरकार ने प्याज के निर्यात का फैसला किया है। कहा गया है कि किसानों को प्याज की पर्याप्त कीमत मिल सके, इसलिए प्याज के निर्यात का निर्णय किया गया। दिल्ली विधानसभा चुनाव के समय सरकार ने प्याज के निर्यात पर यह कह कर रोक लगाई थी कि प्याज के दाम बहुत बढ़ गए हैं और उत्पादन और उपलब्धता कम है। उस समय शहरों के बाजारों में प्याज के दाम बढ़...
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