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राजद्रोह कानून की समीक्षा कर रहा है विधि आयोग

नई दिल्‍ली (माला दीक्षित)। एक तरफ राज्य की सुरक्षा और सम्मान तथा दूसरी ओर दुरुपयोग की आशंकाओं के बीच उलझे राजद्रोह कानून की समीक्षा हो रही है। विधि आयोग भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) की धारा 124ए में दिये गये राजद्रोह कानून की समीक्षा कर रहा है। आयोग इसके प्रभाव, दायरे और उद्देश्य, के साथ दुरुपयोग के पहलुओं को भी परखेगा। हालांकि राजद्रोह कानून पर आयोग की अलग से रिपोर्ट आने की...

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स्कूली बच्चों को मादक पदार्थों से बचाने के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना बनाये केंद्र: सुप्रीम कोर्ट

सु्प्रीम कोर्ट ने देश भर के स्कूली बच्चों को मादक पदार्थों के सेवन से दूर रखने के लिए छह माह के भीतर राष्ट्रीय कार्य योजना बनाने का केंद्र सरकार को निर्देश दिया। मुख्य न्यायाधीश टी एस ठाकुर एवं न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने नोबल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी के संगठन 'बचपन बचाओ आंदोलन' की याचिका पर अपना फैसला सुनाते हुए केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह छह माह...

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शीर्ष संस्थाओं में उचित नहीं टकराव - अरविंद मोहन

देश इस समय नोटबंदी के फैसले से उपजी नकदी की अपर्याप्त उपलब्धता की समस्या से जूझ रहा है और शासन के दो अंग- कार्यपालिका तथा न्यायपालिका अपने अहं की लड़ाई में लगे हैं। इसका एक दौर तो दीपावली के आसपास हुआ था, पर एक दौर अभी-अभी बीता है। हाई कोर्ट के जजों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम प्रणाली के तहत दरअसल जिन नामों को जज बनाने की सिफारिश की गई...

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क्यों बढ़ रही है इलाज में लापरवाही-- महेन्द्र अवधेश

ओड़िशा एक बार फिर शर्मसार है। दाना मांझी प्रकरण की कालिख से बदरंग हुआ चेहरा भी राज्य सरकार को सबक नहीं दे सका। बीते अठारह अक्तूबर को राउरकेला जिला अस्पताल में लहुणीपाड़ा निवासी बबलू भूमिज अपनी ढाई साल की बच्ची का शव घर ले जाने के लिए एक अदद एंबुलेंस की खातिर डॉक्टरों की मनुहार करते रहे, लेकिन चौबीस घंटे तक भरसक प्रयास करने के बावजूद वह अंतत: नाकाम रहे।...

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RBI ने सुप्रीम कोर्ट को बताया, बैंकों का मात्र 57 कर्जदारों पर ₹85000 करोड़ बकाया

बैंकों का कर्ज लेकर नहीं लौटाने वाले केवल 57 व्यक्तियों पर ही 85,000 करोड़ रुपए का बकाया है। उच्चतम न्यायालय ने 500 करोड़ रुपए से अधिक कर्ज लेने वाले और उसे नहीं लौटाने वालों के बारे में रिजर्व बैंक की रिपोर्ट देखने के बाद यह कहा। साथ ही उसने केंद्रीय बैंक से पूछा कि आखिर क्यों ने ऐसे लोगों के नाम सार्वजनिक कर दिये जाएं। मुख्य न्यायाधीश टी एस ठाकुर...

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