SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 1658

500 से अधिक कार्यकर्ताओं, वकीलों ने सीजेआई को पत्र लिखा- केंद्र से पूछें पेगासस खरीदा या नहीं

-द वायर, प्रख्यात लेखकों, पत्रकारों, वकीलों, शिक्षाविदों और कार्यकर्ताओं सहित 500 से अधिक लोगों ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमना को पत्र लिखकर मिलिट्री ग्रेड के पेगासस स्पायवेयर के इस्तेमाल से देश के कई नामचीन लोगों के मोबाइल फोन के संभावित सर्विलांस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की है. द वायर  सहित वैश्विक स्तर पर 17 मीडिया संगठनों ने पेगासस प्रोजेक्ट के नाम से एक श्रृंखला प्रकाशत की. पेगासस...

More »

बिजली गिरने से होने वाली मौतों से बचने के लिए अधिक मौसम सुरक्षा जागरूकता और बिजली चेतावनी उपकरणों की आवश्यकता है!

मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम की शुरुआत में, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश राज्यों में एक ही दिन यानी 11 जुलाई, 2021 को बिजली गिरने से 70 से अधिक लोगों की मौत हो गई. उन अलग-अलग घटनाओं से पहले इस साल 13 मई को असम के नगांव जिले में स्थित कंडाली प्रस्तावित रिजर्व फॉरेस्ट में बिजली गिरने से, अठारह हाथी एक पहाड़ी की...

More »

"केंद्र सरकार द्वारा फोन टैप करवाना लोकतंत्र का अपमान", कर्नाटक के नेता

-कारवां, इजराइली कंपनी एनएसओ समूह द्वारा विकसित सॉफ्टवेयर पेगासस के जरिए जासूसी कराए जाने की दि वायर में प्रकाशित रिपोर्ट पर कर्नाटक के दो बड़े नेताओं ने उनके और उनके कर्मचारियों के फोन नंबरों को टैप करने की निंदा की है. एनएसओ समूह दुनिया भर की सरकारों को निगरानी तकनीक प्रदान करने वाली फर्म है. रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि जनता दल (सेक्युलर) के नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री...

More »

दैनिक भास्कर की वो रिपोर्ट्स, जिनके कारण पड़ा आईटी का छापा!

-न्यूजलॉन्ड्री, देश के प्रतिष्ठित अखबारों में से एक दैनिक भास्कर समूह पर बीती रात से ही आयकर विभाग छापेमारी कर रहा है. यह छापेमारी अखबार के गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, राजस्थान और दिल्ली में स्थित दफ्तरों में की जा रही है. इस छापेमारी पर भास्कर ग्रुप ने एक खबर प्रकाशित की है. जिसका शीर्षक है, “सच्ची पत्रकारिता से डरी सरकार”. खबर में बताया गया है कि उन्होंने कोविड की दूसरी लहर के दौरान...

More »

क्या देश कांच का बना है? राजद्रोह पर अगली सुनवाई में CJI रमन्ना को मोदी सरकार से पूछना चाहिए

-द प्रिंट, राजद्रोह का कानून, जो औपनिवेशिक काल का एक अवशेष है उसकी आज़ादी के 75 साल बाद आज क्या कोई जरूरत रह गई है? बृहस्पतिवार को यह सवाल भारत के मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमना ने मोदी सरकार के एटर्नी जनरल से किया. यह सवाल सारगर्भित भी है और रस्मी भी. वैसे, यह मसले का केंद्र बिंदु भी नहीं है, और इसकी वजह है. राजद्रोह का कानून इसलिए भयानक नहीं है...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close