रामगढ़, अलवर/अजमेर। पिपरोली के राजकीय माध्यमिक विद्यालय में केवल 24 छात्रों को पढ़ाने के लिए आठ शिक्षक थे लेकिन सब मिलकर भी किसी को दसवीं की परीक्षा पास नहीं करवा पाए। यहां दसवीं का परिणाम शून्य रहने पर ग्रामीणों ने सोमवार को शिक्षा सत्र शुरू होने के पहले ही दिन स्कूल गेट पर ताला जड़कर शिक्षकों को घर जाने की नसीहत दे दी। स्कूल में दसवीं कक्षा में पढऩे वाले सभी...
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पानी रोका तो बने करोड़पति
महाराष्ट्र का एक गांव है हिवरे बाजार. यह अहमदनगर जिले में है. यह गांव एक दशक पहले तक बीरान हो गया था. लोग भाग कर शहरों में मजदूर बन गये थे. खेतों में दरारें पड़ गयीं थी. कई एकड़ जमीन के मालिक भी दिहाड़ी मजदूर बन गये थे. आज यह गांव फिर से आबाद है. 216 परिवार इस गांव में रह रहे हैं. उनमें से 51 करोड़पति हैं. आधे से अधिक...
More »हे भगवान प्लास्टिक- सुसान फ्रिंकेल
लगभग नब्बे बरस पहले हमारी दुनिया में प्लास्टिक नाम की कोई चीज नहीं थी. आज शहर में, गांव में, आस-पास, दूर-दूर जहां भी देखो प्लास्टिक ही प्लास्टिक अटा पड़ा है. गरीब, अमीर, अगड़ी-पिछड़ी पूरी दुनिया प्लास्टिकमय हो चुकी है. सचमुच यह तो अब कण-कण में व्याप्त है--शायद भगवान से भी ज्यादा! मुझे पहली बार जब यह बात समझ में आई तो मैंने सोचा कि क्यों न मैं एक प्रयोग करके देखूं-...
More »गांवों को भगवान भरोसे छोड़ अब शहरों का रुख करेंगे डॉक्टर्स- इंद्रप्रीत सिंह
चंडीगढ़. डॉक्टरों की हड़ताल खत्म करने की सभी कोशिशें सोमवार को नाकाम रहीं। स्वास्थ्य मंत्री मदन मोहन मित्तल ने ग्रामीण विकास मंत्री सुरजीत सिंह खरडा से दो दिनों के लिए एक हजार ग्रामीण डॉक्टरों को शहरों के अस्पतालों में इमरजेंसी सेवाओं के लिए भेजने को कहा है। मुख्यालय में बैठे सभी डॉक्टरों से भी जिलों के अस्पतालों में ड्यूटी देने को कहा गया है। इसके अलावा मुख्यालय में एक कंट्रोल रूम...
More »गुजरात मॉडल में दलित- सुभाष गाताडे
जनसत्ता 5 जून, 2013: दलितों के अधिकारों की जानकारी हासिल करने के लिए सूचनाधिकार के तहत डाले गए आवेदन पर जानकारी मिलने में कितना वक्त लगता है? यों तो नियत समय में जानकारी मिल जानी चाहिए, मगर आप गुजरात जाएं तो वहां कम से कम तीन साल का वक्त जरूर लग सकता है और वह भी तब जब आप सूचना हासिल करने के लिए राज्य के सूचना आयोग के आयुक्त...
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