जो एक स्कूल के दरवाजे खोलता है, वह एक जेल का द्वार बंद भी करता है। - विक्टर ह्यूगो कश्मीर घाटी में इसका उल्टा हो रहा है। वहां स्कूलों की इमारतें फूंकी जा रही हैं। राज्य-कर्मचारियों को काम करने से रोका जा रहा है। मंत्रियों, विधायकों और जनता की नुमाइंदगी का दम भरने वाले नेताओं के घर क्षतिग्रस्त किए जा रहे हैं। यह प्रायोजित हिंसा का दूसरा जानलेवा प्रहसन है। इससे पहले...
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गंगोत्री ग्लेशियर का बिगड़ता मिजाज- ममता सिंह
ग्लोबल वार्मिंग के इस दौर में ग्लेशियरों का पिघलना कोई अचरज की बात नहीं रह गई है। हर साल ग्लेशियरों का दायरा सिकुड़ने और समुद्र की सतह कुछ उठ जाने के आंकड़े आते रहते हैं। मगर उससे भी महत्त्वपूर्ण बात अब तक ग्लेशियरों के बचाव की दिशा में कोई महत्त्वपूर्ण कदम नहीं उठाया जाना है। मौजूदा हालात में सर्वाधिक चिंता का विषय यही है। अभी हाल के वाडिया इंस्टीट्यूट...
More »भूजल की फिक्र किसे है-- दीपक रस्तोगी
विज्ञान पत्रिका ‘नेचर जियोसाइंस' का यह खुलासा चिंतित करने वाला है कि सिंधु और गंगा नदी के मैदानी क्षेत्र का तकरीबन साठ फीसद भूजल प्रदूषित हो चुका है। उसका दावा है कि चार दक्षिण एशियाई देशों में फैले इस विशाल क्षेत्र का पानी न तो पीने योग्य बचा है और न ही सिंचाई योग्य। हालत यह है कि कहीं भूजल सीमा से अधिक खारा हो चुका है तो कहीं उसमें...
More »लोकतांत्रिक राजशाही का नया दौर - प्रदीप सिंह
लोकतंत्र दुनिया की सर्वोत्तम व्यवस्था नहीं है, लेकिन यह भी सच है कि शासन व्यवस्था का इससे बेहतर कोई विकल्प भी नहीं है। इसलिए यह व्यवस्था अपनी तमाम खामियों के बावजूद ज्यादातर देशों में चल रही है। भारत ने भी आजादी के बाद संसदीय लोकतंत्र के रास्ते पर चलने का फैसला किया। पंडित जवाहरलाल नेहरू देश के पहले प्रधानमंत्री बने। संसदीय जनतंत्र के प्रति पंडित नेहरू की प्रतिबद्धता पर शायद...
More »देश में हर रोज बेरोजगार हो रहे हैं 550 लोग, कृषि क्षेत्र की हालत ज्यादा खराब
नई दिल्ली: देश में रोजगार की संभावनाएं तलाश रही केंद्र सरकार के तमाम प्रयासों के बीच एक चौकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। यह रिपोर्ट बताता है कि देश में हर रोज करीब 550 लोग बेरोजगार हो रहे हैं। अगर यही रफ्तार जारी रही तो साल 2050 तक देश के 70 लाख लोग बेरोजगार हो चुके होंगे। दिल्ली सोसाइटी स्थित एक सिविल सोसाइटी ग्रुप प्रहार (PRAHAR) के एक अध्यियन में...
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