असम में बाढ़ से हालात काफी बिगड़ गए हैं। इस आपदा के कारण रविवार को एक और व्यक्ति की मौत हो गई। जबकि राज्य के 15 जिलों में करीब पांच लाख लोग प्रभावित हुए हैं। इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल से बात की और राज्य के मौजूदा हालात का जायजा लेने के अलावा उन्हें हरसंभव केंद्रीय सहायता मुहैया कराने का भरोसा दिया।...
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कई राज्यों में आफत की बारिश, बाढ़ की आशंका बढ़ी
बारिश के मौसम में एक तरफ पहाड़ों में भूस्खलन की वजह से कई रास्ते बंद हो गए हैं, वहीं दूसरी तरफ कई मैदानी राज्यों में बाढ़ ने मुसीबत बढ़ा दी है। मौसम विभाग के मुताबिक कई राज्यों में बाढ़ की आशंका जताई गई है। दिल्ली-एनसीआर में देर रात झमाझम बारिश दिल्ली- एनसीआर में भी देर रात कई घंटो तक लगातार बारिश से गर्मी से थोड़ी राहत मिली है। यहां गुरुवार को...
More »सिर्फ विलाप से नहीं बचेगी धरती-- सुनीता नारायण
अर्थव्यवस्था, राजनीति और प्रकृति के नजरिये से पिछला साल काफी उथल-पुथल वाला वर्ष रहा। ब्रिटेन यूरोपीय संघ से बाहर निकला, डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के नए राष्ट्रपति चुने गए और अनियमित मौसम व असमय बारिश से पूरी दुनिया हलकान रही; गरीबों के घर और खेत तबाह हुए। ये तमाम चीजें अब बीते दिनों की बातें भले लगती हों, लेकिन जिस तरह से हमारे लक्ष्य बदल रहे हैं, भविष्य इससे भी बुरा...
More »पानीदार टेढ़ा पद्धति-- बाबा मायाराम
मौसम बदलाव के इस दौर में पानी का संकट एक बड़ी समस्या है, ऐसे में मुझे याद आती है छत्तीसगढ़ की टेड़ा पद्धति, जिसमें न केवल जरूरत के मुताबिक पानी निकाला जाता है, बल्कि इसमें पानी की आपूर्ति सतत् बनी रहती है, यह श्रम आधारित पद्धति है और किफायत से पानी खर्चने पर टिकी है. छत्तीसगढ़ में जशपुर जिले का एक है गांव चराईखेड़ा। वह उरांव आदिवासियों का गांव है। उनकी...
More »सरकारी शाहखर्ची और बदहाल किसान-- संजीव पांडेय
र्ष 2014 और 2015 भारतीय किसानों के लिए बुरे थे। दो सालों तक लगातार खराब मानसून के चलते देश के ग्यारह राज्यों के ढाई सौ से ज्यादा जिलों में सूखे की स्थिति रही। इस स्थिति में भी बिहार के औरंगाबाद जिले के चिल्हकी गांव के किसान खुशहाल थे। वे आज भी खुशहाल हैं। औरंगाबाद-डाल्टेनगंज रोड पर स्थित पिछड़ी जाति बहुल इस गांव की खुशहाली का कारण गांव के ही कुछ...
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