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फ्रांस की क्रांति, अरब- क्रांति, खाद्य-पदार्थों की कीमतें और जलवायु-परिवर्तन

-डाउन टू अर्थ, यह साल अब खत्म होने को है। कोरोना महामारी, अपने नए ओमिक्रॉन रूप के साथ थमने का नाम नहीं ले रही है, और जलवायु परिवर्तन की पहले से मौजूद विपदा भी नए रिकॉर्ड बनाती जा रही है। ऐसे में दिसंबर की शुरुआत में ही एक नए झटके ने हम सब पर असर डाला-वह है खाद्य-पदार्थों की बढ़ती कीमतों में जलवायु-परिवर्तन की भूमिका।   कोरोना ने जिन करोड़ों लोगों को गरीबी...

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मुंबई-दिल्ली नहीं बल्कि कोयंबटूर-इंदौर-सूरत लिखेंगे भारत में शहरीकरण की कामयाबी की कहानी

-द प्रिंट, शहरों की रैंकिंग तय करना भी एक फलता-फूलता व्यवसाय हो गया है. दि इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट ने सबसे महंगे और सबसे सस्ते शहरों की ताजा रैंकिंग इस सप्ताह घोषित की. अहमदाबाद दुनिया के सबसे सस्ते शहरों में टॉप-10 की लिस्ट में दमिश्क और त्रिपोली जैसे तबाह शहरों के साथ मौजूद है. इससे पहले सरकार ने भारत के सबसे स्वच्छ शहरों की नई सूची जारी की थी जिसमें इंदौर एक...

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भारी बारिश और भूकंप के चलते हिमालय क्षेत्र में बढ़ रहे हैं भूस्खलन के मामले

-डाउन टू अर्थ, हाल ही में किए एक शोध से पता चला है कि भारी बारिश और भूकंप के चलते नेपाल में मानसून के दौरान सामने आने वाले भूस्खलन के मामलों में छह गुना वृद्धि हो सकती है। गौरतलब है कि मानसून के मौसम में जून से अगस्त के बीच यह हिमालयी देश हर साल गंभीर भारी बारिश के चलते भूस्खलन का अनुभव करता है। अपने इस शोध में शोधकर्ताओं ने यह...

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खेती के संबंध में कुछ बड़ी भ्रांतियां और किसान आंदोलन पर उनका प्रभाव

-न्यूजक्लिक, भारतीय खेती के संबंध में अनेक भ्रांतियां हैं, जिन्हें अगर फौरन दूर नहीं किया जाता है तो उनका, तीन कृषि कानूनों के खिलाफ इस समय चल रहे किसान आंदोलन पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। इनमें पहली भ्रांति तो इस धारणा में ही है कि किसानी खेती पर कार्पोरेट अतिक्रमण तो ऐसा मामला है जो बस कार्पोरेट अतिक्रमणकारियों और किसानों से ही संबंध रखता है। यह गलत है। किसानी खेती...

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पश्चिम बंगाल: ईंट-भट्ठा उद्योग के बंद होने से संकट का सामना कर रहे एक लाख से ज़्यादा श्रमिक

-न्यूजक्लिक, पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना के बशीरहाट इलाक़े के ईट-भट्ठा मालिकों ने त्योहारों के इस मौसम के दौरान सरकार की ओर से निर्धारित मानदंडों को दरकिनार करते हुए अपनी इकाइयों को बंद करने का ऐलान कर दिया, जिसके बाद से एक लाख से ज़्यादा ईंट-भट्ठे मज़दूर और उनके  आश्रित भारी मुसीबत में आ गये हैं। इस ज़िले में इच्छामती नदी के किनारे 150 से ज़्यादा ईंट-भट्ठे हैं, जिनमें से हर...

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