लखनऊ। मौसम का पारा लगातार गिरने से ठंड का कहर बरकरार है। शुक्रवार को भी लोग ठंड से बेहाल रहे। हालांकि सूर्य देव के दर्शन तो जरूर हुए लेकिन धूप में तेजी नहीं थी। कोहरा भी सुबह देर तक रहा और दिनभर धुंध सी छायी रही। जिसके चलते रेल, सड़क और हवाई यातायात भी प्रभावित रहा। बीते चौबीस घंटे के दौरान पूर्व व मध्य उत्तर प्रदेश में ठंड लगने से साठ लोगों की सांसे ठंडी...
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पराली भरे वाहनों ने मुश्किल किया चलना
हिसार. राजस्थान में सूखे के कारण पशु चारे की कमी को पूरा करने के लिए इन दिनों ट्रैक्टर ट्रालियों व अन्य चौपहिया वाहनों में धान की पराली भरकर राजस्थान ले जाया जा रहा है। इस दौरान यातायात नियमों की अनदेखी के कारण पराली वाले वाहनों के अलावा अन्य वाहन चालकों व यात्रियों का सफर भी खतरे से खाली नहीं है। इस साल मानसून की बारिश कम होने के कारण प्रदेश...
More »बेरोजगारी
एक नजर सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर लगातार ऊंची बनी होने के बावजूद भारत अपनी ग्रामीण जनता की जरुरत के हिसाब से मुठ्ठी भर भी नये रोजगार का सृजन नहीं कर पाया है। नये रोजगारों का सृजन हो रहा है लेकिन यह अर्थव्यवस्था के ऊंचली पादान के सेवा-क्षेत्र मसलन वित्त-जगत, बीमा, सूचना-प्रौद्योगिकी और सूचना प्रौद्योगिकी के दम पर चलने वाले हलकों में हो रहा है ना कि विनिर्माण और आधारभूत ढांचे के...
More »भ्रष्टाचार
खास बात • ट्रांसपेरेन्सी इंटरनेशनल के करप्शन परसेप्शन इंडेक्स(साल २०14) में भारत १७5 देशों के बीच ८५ वें पादान पर रखा गया था। साल 2010 के इंडेक्स में भारत फिसलकर 87 वें स्थान पर जा पहुंचा था।* • साल २००६-०७ में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों ने ८८३ करोड़ रुपये बुनियादी सेवाओं को हासिल करने के लिए घूस में चुकाये।** • साल २००६-०७ में भारत के सबसे गरीब...
More »पलायन (माइग्रेशन)
खास बात • किसी प्रांत से उसी प्रांत में और किसी एक प्रांत से दूसरे प्रांत में पलायन करने वालों की संख्या पिछले एक दशक में ९ करोड़ ८० लाख तक जा पहुंची है। इसमें ६ करोड़ १० लाख लोगों ने ग्रामीण से ग्रामीण इलाकों में और ३ करोड़ ६० लाख लोगों ने गावों से शहरों की ओर पलायन किया। # • पिछले एक दशक को आधार मानकर अगर इस बात की गणना करें कि किसी वासस्थान को छोड़कर कितने लोग दूसरी जगह रहने...
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