अरसा पहले एक गीत में एक बच्चा अपनी मां से कहता था कि वह गोली चलाना सीखेगा, क्योंकि उसे लीडर नहीं, फौजी अफसर बनना है! कई बार इस गीत को युवा पीढ़ी के अराजनीतिकरण की ‘गर्हित' कोशिशों से भी जोड़ा जाता था। लेकिन अब कोई टॉपर फौजी अफसर बनने की इच्छा भी नहीं दर्शाता। अगर कभी उसके सपनों में समाज सेवा शामिल होती है तो वह एनजीओ है जिसमें बदले...
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तोहफा या समाधान
प्रधानमंत्री ने सरकारी अस्पतालों के चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ा कर पैंसठ वर्ष करने का एलान किया है। यह एक तबके को खुश करने की कोशिश है, या इसके पीछे चिकित्सा तंत्र को सुधारने की समग्र सोच भी है? अभी तक कुछ राज्यों में चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति की उम्र साठ साल और कुछ में बासठ साल है। अपनी सरकार के दो साल पूरे होने के अवसर पर प्रधानमंत्री ने...
More »छत्तीसगढ़-- पहाड़ा ही नहीं... शिक्षकों को नहीं पता मंडे की स्पेलिंग
रायपुर। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने सोमवार को लोक सुराज अभियान के अपने अनुभव शेयर करते हुए कहा था कि गांव के स्कूलों में बच्चे तो बच्चे शिक्षकों तक को पहाड़ा नहीं आता। उन्होंने भले ही इसे सहज भाव से जिक्र किया, लेकिन मामला उतना ही गंभीर भी है। क्योंकि शिक्षा गुणवत्ता अभियान में स्कूलों के निरीक्षण के दौरान जो फीड बैक मिले हैं, उसमें तो यह जानकारी सामने आई है...
More »पिछड़ा कहलाने की होड़ क्यों?--- अनुपम त्रिवेदी
पिछले कुछ समय से देश के विभिन्न भागों में आरक्षण की मांग लगातार उठ रही है. परंपरागत रूप से समृद्ध समझे जानेवाले वर्ग भी आज पिछड़ा कहलाने की होड़ में हैं. हरियाणा के समृद्ध जाट, दुनिया के हर हिस्से में फैले गुजरात के मेहनतकश पटेल, कभी जमींदार रहे आंध्र प्रदेश के कप्पू , गौरवशाली अतीत वाले मराठा और कभी राजसी ठाठ-बाट के मालिक रहे उत्तर प्रदेश और राजस्थान के...
More »आ रही है टेक्नोलॉजी की आंधी!- संदीप मानुधने
हम सब विभिन्न टेक्नोलॉजी यंत्रों के साथ काफी अभ्यस्त हो चुके हैं. हमें अच्छा लगता है जब न्यूनतम प्रयास में अधिकतम आउटपुट हम निकाल पाते हैं. 1980-90 के दशकों में कार्यरत रहे प्रोफेशनल्स से पूछिए कि कितना पसीना केवल फोन लगाने एवं फैक्स प्राप्त करने में लग जाता था! काम को दरकिनार कर केवल संपर्क साधने में एवं दूसरों से दस्तावेज टाइप करवाने में (और प्रतिलिपियां बनवाने में) ही कितनी...
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