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इस तकनीक से खेती कर गरीबी दूर कर रहा कवर्धा का किसान

कवर्धा। किसान बजरहा ने अपने बाड़ी में कुआं क्या खुदवायां उससे उनकी तकदीर ही बदल गई। साल भर काम की तलाश में भटकने वाला यह किसान अब दूसरों को रोजगार देने लगा है। कुआं खुदवाने से उन्हें सिंचाई का साधन मिल गया है।   धान का फसल लेने के बाद अब गर्मी में गेहूं का फसल लेता है और साग-सब्जियां की खेती भी करता है। उसे कुआं खुदवाने में सरकार की ओर...

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एनिमिया से बचाएगी गेहूं की नई किस्म पूसा बीट 8777

इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) इंदौर ने गेहूं की नई वैरायटी ईजाद की है। इसे प्रमाणित करने के लिए सेंट्रल वैरायटी रिलीज कमेटी (सीवीआरसी) में जमा किया गया है। इसे किसानों तक पहुंचने में लगभग एक साल लगेगा। इसकी विशेषता है कि इसमें बीटा कैरोटीन, आयरन, जिंक व प्रोटीन भरपूर मात्रा में है, जो एनिमिया से बचाने के साथ मनुष्यों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं।   आईएआरआई के...

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सस्ते आयात से दुश्चक्र में किसान-- रमेश कुमार दूबे

हाल ही में जारी अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति शोध संस्थान (आइएफपीआरआइ) के वैश्विक भूख सूचकांक में भारत पिछले साल की तुलना में तीन पायदान नीचे लुढ़क कर सौवें स्थान पर पहुंच गया। रिपोर्ट में इसके लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली और मध्यान्ह भोजन योजना में भ्रष्टाचार को जिम्मेदार ठहराया गया है लेकिन यह नहीं बताया गया है कि सस्ते आयात के कारण खेती घाटे का सौदा बनती जा रही है। गौरतलब है...

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भूख नहीं जानती सब्र-- संजीव पांडेय

दुष्यंत कुमार का शेर है : भूख है तो सब्र कर, रोटी नहीं तो क्या हुआ। आजकल संसद में है जेरे-बहस ये मुद्दआ। शायर इसमें हुक्मरानों की खिल्ली उड़ा रहा है क्योंकि वह जानता है कि भूख सब्र नहीं जानती। इसके बावजूद हमारी व्यवस्था गरीबों का इम्तहान लेती रहती है। महज कुछ दिनों के अंतर पर ही झारखंड में भूख से तीन मौतें हुर्इं; उस राज्य में जो खनिज संसाधनों...

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भुखमरी से निपटने की चुनौती-- निरंकार सिंह

दुनिया की 7.1 अरब आबादी में अस्सी करोड़ यानी बारह फीसद लोग भुखमरी के शिकार हैं। बीस करोड़ भुखमरी के शिकार लोगों की संख्या के साथ भारत इसमें पहले नंबर पर है। यह हाल तब है जब दुनिया में भरपूर अनाज और अन्य खाद्य पदार्थों की पैदावार हो रही है। दुनिया भर में कहीं गृहयुद्ध तो कहीं प्राकृतिक आपदाओं के चलते लोग अपने घरों, अपने देश से दर-बदर हो रहे...

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