-बीबीसी, सरकार और मीडिया क्या कोरोना वायरस को लेकर ज़रूरत से ज़्यादा गंभीरता दिखा रहे हैं? क्या अब हमें आगे एक सामान्य जीवन की ओर बढ़ जाना चाहिए? - ये बड़े सवाल हैं. अर्थव्यवस्था की बुरी हालत को देखते हुए इस पर कुछ गौर करने की ज़रूरत है. यहां कुछ सकारात्मक बातें करते हैं. इससे कोविड-19 ख़त्म हो चुका है- जैसी सोशल मीडिया पर आजकल खूब दिखने वाले वाली राय को प्रोत्साहित...
More »SEARCH RESULT
सरकार ने शिक्षक दिवस पर केंद्रीय विद्यालय के नाबालिग़ बच्चों से कराया ट्वीट!
-मीडियाविजिल, शिक्षक दिवस पर ट्विटर पर #ourteachersourhero के पीछे सरकार की योजना काम कर रही थी। इसके तहत केंद्रीय विद्यालय के लाखों छात्रों को ट्विटर पर ट्रैंड कराने का लक्ष्य दिया गया था। ख़ास बात यह है कि फे़सबुक या ट्विटर पर 13 साल से कम उम्र के बच्चों के अकाउंट खोलने पर रोक है, लेकिन छोटी कक्षाओं के बच्चों के भी पोस्ट इस हैशटैग के साथ देखे गये। आरोप लग...
More »किसानों के सामने आत्महत्या का सबसे मुख्य कारण है कर्ज : देविंदर शर्मा
-गांव कनेक्शन, देश में रोज 28 किसान और खेतिहर मजदूर आत्महत्या कर रहे हैं, जबकि 89 दिहाड़ी मजदूर जान देने को मजबूर हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो से सामने आये आंकड़ें यही गवाही दे रहे हैं। आखिर क्यों देश को अपने हाथों की मेहनत और खून-पसीने से सींचने वाले लोग जान दे रहे हैं, गाँव कनेक्शन के गांव कैफे में इसी मुद्दे पर चर्चा हुई, इस ख़ास चर्चा में शामिल हुए...
More »बड़ी पड़ताल: उत्तराखंड में रिवर्स माइग्रेशन, कितना टिकाऊ?
-डाउन टू अर्थ, उत्तराखंड के प्रमुख पर्वतीय शहर पौड़ी से लगभग 15 किलोमीटर दूर गांव कठूड़ की स्यारियों (गदेरे यानी बरसाती नदी से लगते खेत) में विकास रावत और आलोक चारू अपने साथियों के साथ खेत में लगी सब्जियां तोड़ रहे हैं। कुछ ही देर में आसपास के गांव के लोग ये सब्जियां खरीदने आने वाले हैं। ये लोग पेशे से सब्जी किसान नहीं हैं। विकास कोरोना संक्रमण को रोकने के...
More »क्या हमें पता है कि बीते दो महीनों में हमारे यहां सांपों के काटने से 20 हजार लोग मर चुके हैं
-सत्याग्रह, कुछ बीमारियां तो मौसमी हैं जो खास समय और जलवायु में फैलती हैं. और कुछ कोविड-19 की तरह अचानक ही हमारे सामने आ जाती हैं. लेकिन क्या तमाम मौसमी बीमारियों और कोरोना महामारी के बीच किसी को इस बात की भी सुध है कि बीते दो महीनों में 20 हज़ार से ज्यादा लोग ‘सर्पदंश’ के शिकार होकर हमारे बीच नहीं हैं. पिछले पखवाड़े राजस्थान के बूंदी ज़िले की बालचंदपाड़ा तहसील में...
More »