लेखा (अकाउंट) पुस्तिका ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद तीनों स्तर की पंचायतों को अपनी आमदनी और खर्च का ब्यौरा एक पुस्तिका में रखना जरूरी है. इस पुस्तिका को लेखा पुस्तिका या अकाउंट बुक कहते हैं. पत्रों की संख्या को प्रमाणित करना उपयोग में लाने से पहले लेखा-पुस्तिका को जिल्द में बाधा जाना होता है और उसके हरेक पत्रे पर पेज संख्या लिखना जरूरी होता है. ग्राम पंचायतों एवं पंचायत समिति की लेखा...
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नकद पैसे का खेल- बनवारी
जनसत्ता 14 फरवरी, 2013: मनमोहन सिंह सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि गरीबी एक आर्थिक और राजनीतिक समस्या के बजाय अब केवल वित्तीय समस्या रह गई है। केंद्र सरकार की प्राथमिक चिंता अब न बेरोजगारी है, न महंगाई। देश की इन दो सबसे बड़ी समस्याओं से मुंह चुराने का उसने एक आसान उपाय निकाल लिया है। देश के गरीब लोगों के हाथ में दमड़ी रख दो; इससे सरकार के कल्याणकारी...
More »सत्तर जैसा हाल, इक्यानबे जैसी आफत
नई दिल्ली, [अंशुमान तिवारी]। वित्त मंत्री के धमकाने पर विकास दर का आंकड़ा भले ही बदल जाए, लेकिन हकीकत बदलने वाली नहीं है। भारत के आर्थिक विकास की गति व्यावहारिक रूप से अब साठ-सत्तर के दशक वाली स्थिति में पहुंच गई है। विकास दर में से अगर विदेश व्यापार और विदेशी पूंजी को हटा दिया जाए तो देशी अर्थव्यवस्था पांच फीसद भी नहीं, बल्कि केवल 3 से 3.5 फीसद की दर से...
More »आठ वर्ष में दूध का उत्पादन 80 मिलियन बढ़ाना होगा
अहमदाबाद [शत्रुघ्न शर्मा]। भारत में प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता 291 ग्राम है जबकि विकसित देशों में 500 ग्राम है, बढ़ती जनसंख्या के साथ देश को अगले आठ वर्ष में दूध का उत्पादन 80 मिलियन टन बढ़ाना होगा। भारत सरकार ने इसके लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड को नेशनल डेयरी योजना सौंपी है जिसके तहत जानवरों की नस्ल सुधार के साथ दूध के उत्पादन को बढ़ाया जाएगा, देश के 40 हजार...
More »आम लोगों के दान से सुधारेंगे सरकारी स्कूलों की सेहत
गुडग़ांव। स्कूलों की दशा सुधारने के लिए प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग अब आम लोगों के साथ एनजीओ, सामाजिक संगठनों और निजी कंपनियों का सहारा ले रहा है। इसके लिए विभाग ने स्कूल नर्चर पॉलिसी बनाई है, जिसके तहत एक वेबसाइट तैयार की गई है। इस पर प्रदेश के सभी स्कूलों की जानकारी उपलब्ध होगी। जो...
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