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बिनायक सेन पर फ़ैसला वाहियात: पीयूसीएल

बिनायक सेन को देशद्रोह के आरोप में उम्रक़ैद की सज़ा सुनाए जाने पर तीखी प्रतिक्रिया हुई है. पीयूसीएल के प्रमुख और दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व मुख्यन्यायाधीश राजेंद्र सच्चर ने इस फ़ैसले को वाहियात बताते हुए कहा है कि जिस क़ानून के तहत उन्हें सज़ा सुनाई गई है वही ग़ैरक़ानूनी है. जबकि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने इस फ़ैसले को अन्यायपूर्ण बताया है. कांग्रेस ने इस फ़ैसले पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा...

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सूबे में चरम पर है मानवाधिकार हनन

रांची। झारखंड में मानवाधिकार का हनन चरम पर है। प्रदेश में लोग भूख से मर रहे है। जब सरकार की ओर से जांच होती है,तो रिपोर्ट में आता है कि उस व्यक्ति की मौत किसी अज्ञात बीमारी से हुई है। यह बातें ह्यूमन राइट लॉ नेटवर्क झारखंड यूनिट के निदेशक योगेन्द्र प्रसाद ने कहीं। आज सीपीआई राज्य कार्यालय में मानवाधिकार एवं भारतीय संविधान विषय पर कार्यशाला आयोजित थी। रांची विश्वविद्यालय के छात्रों...

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बिनायक सेन को उम्रकैद- लोकतंत्र घायल !

 मध्यभारत के जनजातीय इलाकों में तीन दशक से भी ज्यादा समय तक निस्वार्थ जनसेवा में जीवन बिताने वाले डाक्टर बिनायक सेन को देशद्रोह के आरोप में आजीवन कैद की सज़ा सुनाये जाने पर नागरिक संगठन हतप्रभ और आतंकित हैं। रायपुर के सेशन कोर्ट के जज ने बिनायक सेन के साथ पीयूष गुहा और नारायण सान्याल को भी देशद्रोह के आरोप में उम्रकैद की सज़ा सुनायी है।  देशभर में कोर्ट के...

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नर्मदा का नाद -- मेधा पाटकर

विश्व की प्राचीनतम संस्कृतियों में से एक नर्मदा घाटी आज भी समृद्ध प्रकृति के लिए मशहूर है. घाटी में नदी किनारे पीढ़ियों से बसे हुए आदिवासी तथा किसान, मजदूर, मछुआरे, कुम्हार और कारीगर समाज प्राकृतिक संसाधनों के साथ मेहनत पर जीते आए हैं. इन्हीं पर सरदार सरोवर के साथ 30 बड़े बांधों के जरिये हो रहे आक्रमण के खिलाफ शुरू हुआ जन संगठन नर्मदा बचाओ आंदोलन के रूप में पिछले 25...

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बा-सफा कोई नहीं : गोपालकृष्ण गांधी

‘यह सब राजनीति है’ या ‘राजनीतिज्ञों से आखिर और क्या उम्मीद कर सकते हैं।’ इस किस्म की बातें हम अक्सर सुनते हैं। खुद कहते भी हैं। ‘राजनीति’ और ‘राजनीतिज्ञ’ शब्द आज संकट में हैं। यह संकट खुद उन्होंने पैदा किया है। कुछ अपवाद भी हैं, ऐसे राजनीतिज्ञों के जो न तो परेशानी में हैं और न विवाद में। इसके लिए हम भगवान के शुक्रगुजार हैं। पर ऐसे अपवाद बहुत कम हैं।...

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