चीन में कहर बरपाने वाले कोरोना वायरस का असर घरेलू बाजार में कपास की कीमतों पर पड़ रहा है। चीन की आयात मांग कम होने के कारण विश्व बाजार में महीने भर में कपास की कीमतों में 5.38 फीसदी का मंदा आ चुका है, जिससे घरेलू मंडियों में इसकी कीमतों में 200 से 300 रुपये का मंदा आकर भाव 5,000 से 5,100 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, ऐसे में पहले...
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मंदी की मार पहुंची किसान के द्वार
राष्ट्रीय सांख्यकीय कार्यालय ने जब वित्त वर्ष 2019-20 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का पूर्वानुमान जारी किया तो सामान्य मॉनसून के रूप में किसानों के अति आशावाद का बुलबुला फूट गया. भारत में चालू वित्त वर्ष में पांच प्रतिशत जीडीपी का विकास होगा. यह विकास दर 11 साल में सबसे कम है. साल 2018-19 में जीडीपी की विकास दर 6.8 प्रतिशत थी. अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्र मंदी का सामना कर...
More »डोनाल्ड ट्रंप की यात्रा के दौरान यमुना को साफ दिखाने के लिए उसमें गंगा का पानी छोड़ा गया
डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा से पहले आगरा में यमुना को स्वच्छ बनाने के लिए उसमें गंगा का पानी छोड़ा गया है. खबरों के मुताबिक उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग ने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति के आगमन को ध्यान में रखते हुए यमुना में मथुरा के पास गंगनहर से 500 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. यह पानी अगले तीन दिन में मथुरा और उसके 24 घंटे बाद 21 फरवरी की दोपहर तक...
More »आप की थाली में पोषण कम है, क्योंकि अनाज उगाने वाले खेत ही बेदम हैं...
अगर आप अपने पिछले कुछ वर्षों के डॉक्टरों के पर्चे पर गौर करेंगे तो पाएंगे कि वे दवाओं के साथ विटामिन, जिंक वाली टैबलेट-कैप्सूल भी लिखते हैं, क्योंकि आप जो खाना (शाकाहारी-मांसाहारी) खाते हैं, उसमें ही पोषक तत्व कम हो गए हैं। अनाज में पोषक तत्व कम इसलिए हो गए हैं क्योंकि मिट्टी बेदम हो गई है। इसी कुपोषित मिट्टी में उगी फसल खाकर भारत के लोग पेट तो भर...
More »चुनौती बना ई-कचरे का ढेर
देश में डिजिटल क्रांति के साथ-साथ ई-कचरे की समस्या भी बढ़ी है और आज यह विकराल रूप धारण कर चुकी है। ई-कचरे को नष्ट करने के उपाय समझ नहीं आ रहे। आज का युग प्रौद्योगिकी का है। इसमें इलेक्ट्रॉनिक कचरे का बढ़ते जाना निश्चित ही गंभीर चिंता का विषय बनता जा रहा है। आज नवाचारों के कारण विभिन्न प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक उद्योग फल-फूल रहे हैं। इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं का उपयोग और...
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