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सीमा के प्रहरी बनना चाहते हैं गुमला के असुर-- दुर्जय पासवान

आमतौर पर जंगल में रहनेवाले आिदम जनजाति के लोग शहरों में जाना पसंद नहीं करते. इसलिए सदियों तक शिक्षा से दूर रहे. शहरी समाज से खुद को अलग-थलग रखा. लेकिन, धीरे-धीरे ये लोग अब मुख्यधारा में जुड़ रहे हैं. गुमला के िबशुनपुर प्रखंड से 45 किमी दूर पोलपोट पाट गांव में बसनेवाले असुर जाति के युवा देश की सीमा के सुरक्षा प्रहरी बनना चाहते हैं और इसके लिए जी-तोड़ मेहनत...

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पढ़ने की ललक : बेटियों ने ठानी पहले पढ़ाई, फिर विदाई

जमशेदपुर : गांव की लड़कियों ने ठान ली है कि पूरी होगी पढ़ाई, तभी होगी विदाई. गया जमाना, जब ब्याहने का मिलता था बहाना. अब बेटियां पढ़ लिख कर शिक्षित समाज का निर्माण करेंगी. स्वावलंबी बनेंगी. शहर की लड़कियों की तरह गांव की लड़कियां भी जागरूक हो रही हैं. पिछले कुछ दिनों में कई लड़कियों ने शादी से इनकार करके इसे साबित कर दिया है. इन्होंने सिर्फ ब्याह करने से...

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खुले में शौच करने वाले का फोटो भेजो और 300 रुपए इनाम पाओ

इंदौर(मध्यप्रदेश)। खुले में शौच पर काबू पाने के लिए प्रशासन ने इनामी योजना घोषित कर दी है। जिला पंचायत विभाग के ऐलान के मुताबिक खुले में शौच करने वालों के फोटो भेजने वाले को नकद इनाम दिया जाएगा। जिस शौच करते व्यक्ति का फोटो अफसरों के वॉट्सएप नंबर पर पहुंचेगा, उस पर अर्थदंड लगाया जाएगा। फिलहाल योजना ग्रामीण क्षेत्र के लिए है।   25 जनवरी को इंदौर जिले के ग्रामीण क्षेत्र को...

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पर्यावरण संरक्षण : ...महिलाओं ने बचाया मिश्राइनमोढ़ा का जंगल

ती न दशक तक मिश्राइनमोढ़ा के जंगलों की रक्षा करनेवालों ने इसकी सुरक्षा की जिम्मेवारी अब महिलाओं को दे दी है. विभिन्न प्रजाति के लाखों पेड़ों की सुरक्षा महिलाएं बखूबी कर रहे हैं. यह सब हो रहा है बिना वन विभाग की मदद या प्रोत्साहन के. हालांकि, प्रशासन और वन विभाग से सहयोग न मिलने से महिलाएं निराश हैं, लेकिन जंगल बचाने का जज्बा कम नहीं हुआ. वन विभाग...

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झुमरा : बारूद की गंध की जगह फसल की खुशबू

देश में बाेकाराे के जिस झुमरा पहाड़ की चर्चा बारूदी सुरंग विस्फोट व मुठभेड़ों के लिए होती थी, वह झुमरा अब बदल गया है. टूटी-फूटी सड़कों की जगह अब पक्की सड़क पर चार घंटे का सफर 17 मिनट में तय होने लगा है. नक्सलियों की जनसभा की जगह अब महिला गोष्ठी अौर क्रांतिकारी गीत की जगह रोपा के गीत गूंजने लगे हैं. बच्चों के चेहरे पर दहशत नहीं, खुशी है....

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