नई दिल्ली। देश में लगातार दूसरे साल सूखे के हालात बन रहे हैं। ऐसा भारत के 115 साल के इतिहास में चौथी बार होने जा रहा है। इससे आम आदमी से लेकर सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। 2014 के पूरे मानसून सीजन (जून-सितंबर) के दौरान देशभर में सामान्य के मुकाबले 88 फीसदी औसत बारिश हुई थी। वहीं, इस साल 1 जून से 4 सितंबर तक 645.7 मिलीमीटर औसत बारिश...
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असम में बाढ़ का कहरः 18 लाख से ज्यादा प्रभावित, किसान कर रहे हैं खुदकुशी
गुवाहाटी. असम में बाढ़ से हालात और भी बदतर हो गए हैं। बाढ़ के कारण 21 जिलों में 17.68 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। रविवार को एक और किसान ने खुदकुशी कर ली। बाढ़ के कारण सुसाइड करने वाले किसानों की तादाद 30 हो गई है। बारिश और बाढ़ के कारण अब तक 45 लोगों की मौत हुई है। असम में 22 अगस्त से बाढ़ का कहर जारी...
More »घर में अनाज का एक दाना नहीं, महाराष्ट्र में पांच बच्चों की मां ने खुद को जिंदा जलाया
अंबी गांव (उस्मानाबाद): महाराष्ट्र के सूखा प्रभावित मराठवाड़ा इलाके में 40 साल की एक महिला ने इसलिए खुदकुशी कर ली, क्योंकि उसके पास न तो कोई रोजगार था और न ही खाने को कुछ था और वह अपने पांच बच्चों का पेट भरने में असमर्थ थी। पिछले शनिवार को जब देश में रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जा रहा था, उस्मानाबाद जिले की मनीषा गटकल ने अपने ऊपर किरोसिन तेल डालकर...
More »जलाशयों में 16% घटा पानी, किसानों की बढ़ी परेशानी
नई दिल्ली। कमजोर मानसून के कारण देश के प्रमुख 91 जलाशयों में पानी की स्तर औसत से 16 फीसदी नीचे आ गया है। वहीं आने वाले दिनों में जलाशयों में पानी का स्तर और गिर सकता है। ऐसे में कमजोर मानसून की मार झेल रहे किसानों की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। दरअसल खत्म होने के बाद किसान सिंचाई के लिए जलाशयों पर निर्भर रहते हैं। मध्य और उत्तरी भारत...
More »दर्शकों तक पहुंचने की कठिन डगर - मृणाल पांडे
किसी भी लोकतांत्रिक देश की सरकार और आम आबादी के बीच सहज-सतत संवाद हर कल्याणकारी राज्यव्यवस्था की बुनियादी जरूरत होती है। जब सरकार ने (बीसवीं सदी के अंतिम दशक में) सूचना प्रसार मंत्रालय की मातहती में चलाई जाती रही रेडियो-टीवी की प्रसारण सेवाओं को प्रसार भारती नामक स्वायत्त इकाई को सौंपा था तो शायद उसके पीछे उसके मार्फत राज्य व नागरिकों के बीच एक भरोसेमंद-मजबूत पुल बनाने का ही लक्ष्य...
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