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मानसून: 18 फीसदी कम बारिश की आशंका, दालों और खाद्य तेलों का बढ़ेगा इंपोर्ट

नई दिल्ली। देश में इस साल सामान्य के मुकाबले 18 फीसदी बारिश का अनुमान है। इसका असर दलहन, तिलहन सहित खरीफ फसलों पर देखने को मिल सकता है। यही वजह है कि इस साल दालों और खाद्य तेलों के इंपोर्ट में खासी बढ़ोत्तरी की आशंकाएं पैदा हो गई हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक 2015-16 में देश में दालों का इंपोर्ट 15 लाख टन और खाद्य तेलों का इंपोर्ट 20 लाख टन...

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विकास की शर्त है कार्बन कटौती- सीमा जावेद

वारसा में आयोजित यूएनएफसीसीसी के 19वें सत्र नवंबर, 2013 में सभी देशों से पेरिस में होने वाले जलवायु वार्ता सम्मेलन से पूर्व यह बताने का आग्रह किया गया था कि वे बिना किसी कानूनी बाध्यता के कार्बन उत्सर्जन कटौती में कितना अंशदान करेंगे। इसी के मद्देनजर हर देश कार्बन उत्सर्जन में कटौती के अंशदान पर अपनी कार्ययोजना पेश करने की प्रक्रिया में है। संयुक्त राष्ट्र का जलवायु परिवर्तन सम्मेलन, जिसे...

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कृषि पर मंडराते संकट से निबटें- भरत झुनझुनवाला

प्रशांत महासागर के द्वीपीय राज्यों के प्रमुखों से वार्ता करने के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने ग्लोबल वार्मिंग के प्रति भारत की गंभीरता का आश्वासन दिया. ग्लोबल वार्मिंग के कारण हिमालय एवं अंटार्कटिका में जमे हुए ग्लेशियर के पिघलने का अनुमान है. इस पानी के कारण समुद्र का जलस्तर बढ़ेगा और कई द्वीप जलमग्न हो सकते हैं. मोदी की आगामी अमेरिकी यात्रा में भी ग्लोबल वार्मिंग पर अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा से...

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भारत की जीडीपी में जेंडर समानता से होगा 27% का इजाफा: IMF

अंकारा। भारत में पुरुष कर्मियों की जितनी संख्‍या है, अगर उतनी संख्‍या में महिलाएं भी काम करने लगें तो उसकी जीडीपी में 27 फीसदी का इजाफा हो सकता है। इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (आईएमएफ) की प्रमुख क्रिस्टिन लागार्डे ने टर्की में जी20 की बैठक के आखिरी दिन रविवार को यह बात कही। जी 20 समिट में भारत के वित्‍त मंत्री अरुण जेटली और आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने भी हिस्‍सा लिया। अमेरिका...

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दर्शकों तक पहुंचने की कठिन डगर - मृणाल पांडे

किसी भी लोकतांत्रिक देश की सरकार और आम आबादी के बीच सहज-सतत संवाद हर कल्याणकारी राज्यव्यवस्था की बुनियादी जरूरत होती है। जब सरकार ने (बीसवीं सदी के अंतिम दशक में) सूचना प्रसार मंत्रालय की मातहती में चलाई जाती रही रेडियो-टीवी की प्रसारण सेवाओं को प्रसार भारती नामक स्वायत्त इकाई को सौंपा था तो शायद उसके पीछे उसके मार्फत राज्य व नागरिकों के बीच एक भरोसेमंद-मजबूत पुल बनाने का ही लक्ष्य...

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