भारत में मातृ मृत्यु को कम करने का लक्ष्य अब भी बहुत दूर है। उच्च मातृ मृत्यु अनुपात महिलाओं की खराब प्रसव स्वास्थ्य सुविधाओं के अलावा समाज में उनकी भयावह स्थिति को भी दर्शाता है। सैम्पल रजिस्ट्रेशन सिस्टम के ताजा जारी आंकडे बताते हैं कि मातृ मृत्यु अनुपात में तेजी से गिरावट आई है। मातृ मृत्यु अनुपात जहां साल 1997-98 में 398.0 था, वहीं वर्ष 2015-17 में ये आंकड़ा 122.0...
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‘दिल्ली से कई गुना ज्यादा प्रदूषण की मार हम लोग झेल रहे हैं’
राजस्थान की राजधानी जयपुर से करीब 100 किलोमीटर दूर कोटपूतली तहसील के कई गांव धूल के गुबार में ढके नज़र आते हैं. यहां सड़क पर दौड़ते ट्रकों और दिन-रात चलते स्टोन क्रशर्स की कर्कश आवाज़ के पीछे बीमार और परेशान जनता की कराहें छुपी हैं. हाइवे से लगे चोटिया की ढाणी गांव में हमारी मुलाकात 25 साल के रामप्रसाद और उनके साथी महेन्द्र मीणा से होती है. ‘हमें लगातार 15 साल...
More »क्या अब जीएसटी केंद्र और राज्यों में झगड़े के साथ-साथ महंगाई बढ़ने की वजह भी बनने जा रहा है?
राजनीतिक खबरें अक्सर आर्थिक खबरों को ढक लेती हैं, लेकिन फिर भी आर्थिक मसले अपनी जगह पर बने तो रहते ही हैं. चालू वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 4.5 फीसद पर पहुंचने के साथ कुछ और भी ऐसी खबरें आईं जो आर्थिक मंदी के इस दौर में चिंता बढ़ाने वाली हैं. राज्यों से आई ये खबरें भारत के सबसे बड़े आर्थिक सुधार कहे गए जीएसटी को...
More »पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों के बारे में भारत का दावा कितना सही?
क्या पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और बांग्लादेश में ग़ैर-मुसलमान आबादी यानी अल्पसंख्यकों के बारे में भारत सरकार का दावा सही है? भारत की संसद ने अपने तीन पड़ोसी देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफ़ग़ानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए ग़ैर-मुस्लिम अल्पसंख्यक समूहों को नागरिकता प्रदान करने वाला एक विवादास्पद विधेयक पारित किया है. इसके तहत भारत में अवैध रूप से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई अगर यह साबित कर सकते...
More »स्थानीय लोगों के लिए जॉब कोटा, यानी देश के अंदर बनती नई सीमाएं
देश के कई राज्यों में ऐसी बहसें चल पड़ी हैं कि दूसरे राज्यों के लोग आकर उनके यहां की नौकरियां चुरा ले रहे हैं, इसलिए उनके अपने राज्य के युवा बेरोजगार रह जा रहे हैं. इसे रोकने के लिए राज्य की नौकरियों को अपने ही राज्य के युवाओं के लिए रिजर्व करने या ऐसी मांग करने का चलन बढ़ रहा है. 1970 के दशक में महाराष्ट्र में शिवसेना ने ‘महाराष्ट्र महाराष्ट्रवासियों...
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