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नोटबंदी: सिर्फ दो महीनों में देश से 12 लाख करोड़ रुपए ले गए NRI!

एक तरफ सरकार का दावा है कि विदेशों में मौजूद भारतीय देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में बेहद मददगार साबित हो रहे हैं। हालांकि आंकड़ों पर नज़र डालें तो स्थिति उलटी ही नज़र आ रही है। बीते साल के अक्टूबर-नवंबर महीनों में प्रवासी भारतीय (NRI) ने देश से 17 अरब डॉलर करीब 12 लाख करोड़ रुपए की बड़ी रकम यहां से वापस ले गए हैं। बता दें कि इसी...

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जर्मन अर्थशास्त्री का दावा- भारत में नोटबंदी के पीछे है अमेरिका का हाथ

8 नवंबर को भारत में नोटबंदी का फैसला लागू हुआ था और 500 और 1000 के नोट बंद कर दिए गए थे। लोगों को पैसे बदलवाने के लिए बैंक और एटीएम की लाइनों में लगना पड़ा। लेकिन शायद किसी को यह भनक तक नहीं लगी होगी कि नोटबंदी के इस फैसले के पीछे अमेरिका का हाथ है। एक लेख में जर्मन अर्थशास्त्री नॉर्बर्ट हैरिंग ने यह दावा किया है। उन्होंने कहा...

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'किसी भी इकॉनॉमी का पूरी तरह से कैशलेस होना संभव नहीं'-- ज्यां द्रेज

अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज़ कहते हैं कि किसी भी इकोनोमी का पूरी तरह से कैशलेस होना संभव नहीं है. वो कहते हैं कि आइडिया है लेस कैश. इससे आम लोगों को बहुत फायदा नहीं होने वाला है. थोड़ा बहुत ही लाभ हो तो हो. ये कोई क्रांतिकारी कदम किसी भी हिसाब से नहीं है. बीबीसी सहयोगी आलोक पुतुल ने ज्यां द्रेज़ से बात की. पूरी बातचीत सुनने के लिए यहांखटका लगायें ...

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सवालों में घिरी नोटबंदी-- अनुपम त्रिवेदी

आज से एक हफ्ते बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वयं-निर्धारित 50 दिन की समय-सीमा समाप्त हो रही है. देश इंतजार कर रहा है कि क्या प्रधानमंत्री मोदी के वादे के अनुसार हालात सामान्य हो जायेंगे या फिर छह महीने और लगेंगे, जैसा कि सरकार विरोधी कह रहे हैं? असमंजस की स्थिति है. आम आदमी और अर्थशास्त्री, सभी कयास लगा रहे हैं. पर, प्रश्न बहुत हैं और उत्तर कम. नोटबंदी पर...

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नोटबंदी के एक महीने का सच-- कन्हैया सिंह

आठ नवंबर को शुरू हुए 500 व 1000 रुपये के नोटों के डीमॉनेटाइजेशन (जिसे आम भाषा में नोटबंदी कहा जा रहा है) के बाद से देश में जो हो रहा है, उसका विश्लेषण काफी कठिन है। यही वजह है कि हर अर्थशास्त्री इसे अलग ढंग से देख रहा है। इसके नतीजों का आकलन अलग ढंग से कर रहा है। ऐसे मौकों पर हर अर्थशास्त्री अपने ‘परसेप्शन' और ‘स्पैक्यूलेशन' यानी अपनी...

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