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गरीबी हटाने की लंबी डगर - एन के सिंह(पूर्व सांसद और पूर्व केंद्रीय सचिव)

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट पर संसद में हुई बहस का जवाब देते हुए इस सोच का खंडन किया है कि गरीब समर्थक और कारोबार समर्थक नीतियों में कोई फर्क होता है। उन्होंने पूरी विनम्रता से स्वीकार किया है कि उनका बजट गरीब समर्थक भी है और कारोबार समर्थक भी। यह बात लगभग उसी तरह की है, जैसे यह कहा जाए कि एक तरफ जगदीश भगवती और अरविंद पणगरिया...

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ज्यादा अहम क्या : बदला या सुधार? -एनके सिंह

झारखंड के बोकारो में स्थित एक गांव गुलगुलिया ढोरा में एक बलात्कार हुआ। मामला पंचायत में गया। मुखिया ने फैसला सुनाया कि बलात्कार की शिकार महिला का पति बलात्कार आरोपी की 14 वर्षीया बहन से बलात्कार करे। यही हुआ। पूरे गांव के सामने। लड़की के मां-बाप गुहार लगाते रहे पर कोई बचाने नहीं आया। संबंधित थाने में भी शुरू में रिपोर्ट नहीं लिखी गई। उधर मद्रास हाई कोर्ट के एक...

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सोना खरीदने में गांव आगे

मुंबई : भारत में जगह-जगह पर लोगों की प्राथमिकताएं बदलती हैं, और उसके साथ ही बदलती हैं उनकी पसंद और खरीदारी की वस्तुएं भी. जहां ग्रामीण भारत सोने की खरीदारी पर जोर देता है, वहीं शहरी आबादी कार, एसी आदि की खरीदारी को तवज्जो देता है. नेशनल सैंपल सर्वे ऑर्गनाइजेशन के (एनएसएसओ) आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि देश के विभिन्न हिस्सों की जरूरतें और प्राथमिकताएं अलग-अलग हैं. कहीं ज्यादा से ज्यादा...

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बेदखली का शिकार ‘वंचित भारत’- चंदन श्रीवास्तव

सत्य अनुभव की चीज है, तथ्य आकलन की. तथ्य यह है कि भारत के भीतर एक वंचित भारत रहता है और सत्य यह कि इस वंचित भारत का निर्माण उसे जीवन जीने के लिए जरूरी बुनियादी सेवाओं-सुविधाओं से बेदखल करके हुआ है. बुनियादी सेवा-सुविधाओं से बेदखली के विराट आयोजन का ही नतीजा है कि इस मामले में देश के कुछ समुदाय शेष की तुलना में कोसों पीछे हैं. मिसाल के...

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स्मार्ट सिटी एक सौ, और गांव?- कृष्ण प्रताप सिंंह

नयी सरकार को समझना चाहिए कि गांवों ने पिछली सरकार को अपनी क्रूर नासमझी में समझने से मना कर दिया था कि जस के तस पड़े बदहाली पर रोते गांव यदि स्मार्ट नहीं होंगे, तो वे शहरों को भी स्मार्ट नहीं ही होने देंगे. गांवों के इस देश के नये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फिलहाल देश में सौ स्मार्ट सिटी चाहिए! इस बात को वे आजकल विभिन्न अवसरों पर बार-बार दोहरा...

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