-सत्यहिंदी, कोरोना लॉकडाउन की वजह से देश में करोड़ों लोगों की रोज-रोटी छिनी, इसमें असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की तादाद सबसे ज़्यादा है। पर ऐसा नहीं है कि इसकी मार सिर्फ़ उन्हीं पर पड़ी है। पढ़े-लिखे, एअर कंडीशन्ड ऑफ़िसों में काम करने वाले लोगों की भी नौकरी गई है। इसमे वे लोग भी शामिल हैं जो इंजीनियर हैं, एमबीए हैं, जिन्होंने संघर्ष कर गाँव की ग़रीबी से निजात पाई और शहरों...
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2020: नौ महीने में 50 बार प्रदर्शन कर चुके हैं किसान
-डाउन टू अर्थ, संसद में पारित तीन कृषि विधेयकों के खिलाफ किसान सड़कों पर है। 25 सितंबर 2020 को पूरे देश भर में प्रदर्शन किए जा रहे हैं, लेकिन यह पहली बार नहीं है, जब केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में किसान धरना-प्रदर्शन कर रहे हों। जनवरी से सितंबर 2020 के बीच नौ माह में 20 राज्यों में कम से कम 50 बड़े प्रदर्शन हो चुके हैं, जबकि जनवरी, मई,...
More »कोरोना जांच के लिए भारतीय वैज्ञानिकों ने बनाई पेपर स्ट्रिप, प्रेग्नेंसी किट की तरह करेगी काम
-डाउन टू अर्थ, कोरोना वायरस (एसएआरएस-सीओवी-2) के प्रकोप को नियंत्रित करने से जुड़े प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कड़ी होती है कोविड-19 से संक्रमित रोगियों की पहचान। इस दिशा में लगातार काम कर रहे वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित की गई कोविड-19 परीक्षण किट अब उपयोग के लिए तैयार है। इस नई विकसित कोविड-19 त्वरित परीक्षण किट को अब ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) से व्यावसायिक...
More »लाठीचार्ज के बाद किसानों पर मामले दर्ज, मामला सुलझाने को भाजपा के तीन सांसद करेंगे किसानों से बात
-आउटलुक, कृषि क्षेत्र से जुड़े तीन अध्यादेश के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हरियाणा के किसानों पर लाठीचार्ज के बाद पुलिस द्वारा एफआइआर दर्ज किए जाने से सियासत तेज हो गई है। गुरुवार को कुरुक्षेत्र के पिपली में विरोध प्रदर्शन दौरान सड़क पर जाम लगाए जाने के मामले में पुलिस द्वारा 300 से अधिक किसानों पर केस दर्ज करने के बाद गिरफ्तारी की तैयारी है। इधर किसानांे के पक्ष में कांग्रेस...
More »प्लास्टिक से धरती के अस्तित्व को खतरा
-वाटर पोर्टल, आज के वैज्ञानिक युग में न केवल मानव विकास की रफ्तार बढ़ी है बल्कि विज्ञान ने इंसान के जीवन को और भी अधिक सरल और सुविधाजनक बना दिया है। हालांकि नई तकनीक के प्रयोग ने कई बिमारियों, चुनौतियों और समस्याओं को भी जन्म दिया है। विज्ञान और आधुनिक तकनीकों के प्रयोग ने प्राकृतिक वातावरण को दूषित ही नहीं किया बल्कि मानवीकृत वैज्ञानिक वातावरण का जाल भी बिछा दिया है।...
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