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मनरेगा में खत्म करें बिचौलियों की भूमिका : हेमंत

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि झारखंड में मनरेगा में मस्टर रोल बनाने से लेकर मजदूरी के भुगतान में काफी दिक्कतें हैं. सरकार का प्रयास होना चाहिए कि मनरेगा मजदूरों का समय पर भुगतान हो और इसकी प्रक्रिया सरल की जाये. मनरेगा और वृद्धावस्था पेंशन के भुगतान में बिचौलियों की भूमिका कम करने की भी जरूरत है. रोजगार सेवकों की भूमिका भी सीमित की जाये. खेतिहर मजदूरों को किसान...

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संसाधनों की कमी नहीं दूरगामी नीति का अभाव- रवि दत्त वाजपेयी

तीन माह से 3 साल के 70 } बच्चे रक्त-अल्पता से पीड़ित अगले 20-30 वर्षों में भारत को अपनी अन्न सुरक्षा के लिए खेती के आधुनिक तरीकों, बेहतर सिंचाई-प्रबंधन, पर्यावरण के अनुकूल बीज-खाद-कीटाणुनाशक का उपयोग, उदार आर्थिक सहयोग और ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर सड़क, बिजली, भंडारण की सुविधाओं, आम लोगों की क्र य शक्ति बढ़ाने में भारी निवेश की आवश्यकता पड़ेगी. आज पढ़िए छठी कड़ी.   भारत को आर्थिक महाशक्ति घोषित करने को...

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मानवीय आपदा में मानवाधिकार- सुभाष गाताडे

मानवीय आपदा के वक्त मानवाधिकार का मसला अक्सर ऐसे समय में ही सुर्खियां बनता है, जब किसी क्षेत्र विशेष को बाढ़, भूकंप, सुनामी या अन्य किसी आपदा का सामना करना पड़ रहा होता है। और उस समय की चुनौतियां अलग किस्म की होती हैं, लिहाजा न उस पर बात हो पाती है और न ही अमल हो पाता है। यूरोपीय संघ द्वारा प्रायोजित तथा हाल में प्रकाशित अध्ययन ‘इक्वालिटी इन एड: एड्रेसिंग...

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सशक्त राज्य में अशक्त स्त्री- विकास नारायण राय

जनसत्ता 28 जनवरी, 2014 : महिलाओं के विरुद्ध होने वाले यौन  अपराधों से निपटने के उपायों और तौर-तरीकों को लेकर सामाजिक-सांस्कृतिक ही नहीं,काफी कानूनी विभ्रम भी हैं। कठोरतम दंड-प्रावधानों के साए में, देश की अपराध-न्याय व्यवस्था आसाराम और तेजपाल के आचरण में भेद नहीं कर पा रही है; पुलिस और अदालती कार्यवाही में दोनों को एक समान ही निपटाया जा रहा है। यौनिक दुराचरण के आरोपी जजों की ओर से...

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संविधान में गांव की परिभाषा भी नहीं- आर के नीरद

भारत के संविधान में गांव की कोई परिभाषा नहीं है. जब गांव ही नहीं है, तो ग्राम गणराज्य भी नहीं है. यह बड़ा विरोधाभास है. महात्मा गांधी गांव गणराज्य की  बात करते थे. वे आजादी का असली अर्थ गांवों की समरसता, आत्मनिर्भरता और लोकतंत्र में जन भागीदारी को मानते थे. देश आजाद हुआ और गणतंत्र भारत के लिए अपना संविधान बना, लेकिन इसमें गांव की परिकल्पना शामिल नहीं हो सकी. सब ने...

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