-सत्यहिंदी, क्या हमें मान लेना चाहिए कि 2020 का 5 अगस्त भारतीय गणतंत्र के पहले संस्करण का अवसान और दूसरे संस्करण का जन्म दिवस है? क्या इसकी चमक दमक 15 अगस्त की आभा को धूमिल कर देगी? या इसका उलटा होगा? यानी 15 अगस्त की तारीख़ हमें उन वायदों की याद दिलाती रहेगी जिनको लेकर हम अपनी प्रतिबद्धता दृढ़ नहीं रख पाए? उसी लापरवाही का नतीजा तो 5 अगस्त की तारीख़...
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आदिवासियों के सवालों पर चुप्पी क्यों?
-डाउन टू अर्थ, भारत जैसे महादेश में आज आदिवासियत पर विमर्श अपरिहार्य है। वास्तव में यह केवल अस्मिता अथवा अधिकारों का मसला मात्र नहीं है - आदिवासियत की प्रासंगिकता उन तमाम संदर्भों से भी है, जो आदिवासी समाज के संपन्नता से विपन्नता तक के संक्षिप्त इतिहास में आज कहीं जाहिर-अजाहिर तौर पर दर्ज हैं। सरकारों के लिये आदिवासियत का पूर्ण-अपूर्ण अर्थ आदिवासी समाज का 'संवैधानिक दर्जा' है। एक ऐसा संवैधानिक दर्जा,...
More »सीएए आंदोलन के अखिल गोगोई को क्यों जेल में रखना चाहती है सरकार?
-सत्यहिंदी, 7 अगस्त, 2020 को एनआईए अदालत ने असम के नागरिकता संशोधन अधिनियम(सीएए) विरोधी आंदोलन के नेता और कृषक मुक्ति संग्राम समिति (केएमएसएस) के प्रमुख अखिल गोगोई की ज़मानत याचिका खारिज कर दी। विशेष एनआईए अदालत ने गोगोई के ख़िलाफ़ एकत्र किए गए सबूतों पर भरोसा किया और कहा कि यह नहीं कहा जा सकता है कि एनआईए के बयान के अनुसार आरोप पूरी तरह से अनुचित हैं। इसके बाद केएमएसएस ने...
More »लॉकडाउन में न्यायापालिका
-न्यूजक्लिक, सुप्रीम कोर्ट ने हाल में स्वत: संज्ञान लेते हुए वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के ट्वीट्स पर ‘कोर्ट की अवमानना’ की प्रक्रिया शुरू कर दी। कहा जा रहा है कि उनके एक ट्वीट में भारत के मुख्य न्यायधीश पर महामारी के दौर में न्याय व्यवस्था को लॉकडाउन में रखने से संबंधित टिप्पणी की गई थी। यहां लेखक महामारी में बतौर जरूरी सेवा, न्यायिक प्रक्रियाओं को जारी रखने में सुप्रीम कोर्ट के...
More »जांच में फर्जीवाड़ा?
-इंडिया टूडे, दिल्ली में इस साल फरवरी में हुए दंगों की जांच ने इस सप्ताह नया मोड़ ले लिया जब दिल्ली सरकार और दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग की तथ्यान्वेषी रिपोर्ट, में दिल्ली पुलिस पर जांच में 'पक्षपात' और हिंसा में 'लिप्तता' का आरोप लगाया. रिपोर्ट को नौ सदस्यों के पैनल ने तैयार किया है जिसका नेतृत्व सुप्रीम कोर्ट के वकील एम.आर. शमशाद कर रहे थे. यह दंगों पर अधिकृत किसी एजेंसी की...
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