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अब बदल जाएगा न्यायाधीशों की नियुक्ति का 'फॉर्मूला'

सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए मौजूदा कोलेजियम सिस्टम की जगह राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग विधेयक 2014 को अपनाने का रास्ता लगभग साफ हो गया है। नई प्रणाली के लिए अब तक 15 राज्यों ने अपनी सहमति दे दी है। जल्द ही सर्वोच्च और उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति इसके तहत होने लगेगी। अगस्त महीने में यह विधेयक संसद के दोनों सदनों से पारित हो चुका...

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भूमि‍ अधि‍ग्रहण और माइंस एक्‍ट के लि‍ए भी अध्‍यादेश लाने की तैयारी में मोदी सरकार

नई दि‍ल्‍ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार अगले कुछ हफ्तों में आर्थिक सुधारों के लिए कई बड़े ऐलान कर सकती है। कोल सेक्‍टर और इंश्‍योरेंस सेक्‍टर के रि‍फॉर्म के बाद अब सरकार आयरन ओर और अन्‍य खनन की नीलामी का रास्‍ता साफ करने के लि‍ए भी अध्‍यादेश जारी कर सकती है। माना जा रहा है कि‍ सरकार माइंस एंड मि‍नरल (डेवलपमेंट और रेगुलेशन) एक्‍ट 1957 में बदलाव कर सकती है। इसके...

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सरकारी ढर्रे को बदलने का सवाल - नंटू बनर्जी

आगामी 25 दिसंबर को मोदी सरकार ने 'सुशासन दिवस" के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। सुशासन या गुड गवर्नेंस लंबे समय से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बुनियादी एजेंडे में शामिल रहा है। पर सवाल उठता है कि प्रशासनिक ढांचे व सुशासन के आपसी रिश्तों से हम क्या समझें। कारोबारी समूहों में ऐसा होता है कि गिने-चुने लोगों का प्रबंधन चंद लोगों के कार्यसमूह के साथ भी अपनी सुदक्षता...

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नौकरशाहों से मुक्त हो नया आयोग- भरत झुनझुनवाला

प्रभात खबर(लेख)नये योजना आयोग में ऐसे लोगों की नियुक्ति हो, जिनकी पहचान स्वतंत्र हो, ताकि सरकार का दखल न हो. ऐसे स्वतंत्र आयोग की देश को नितांत जरूरत है. सरकारी नौकरों के एक और समूह को योजना आयोग का जामा पहनाने से काम नहीं चलेगा. हाल में संपन्न हुए मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में सहमति बनी कि योजना आयोग द्वारा राज्यों के वार्षिक प्लान को स्वीकार करने की व्यवस्था को समाप्त कर...

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सूचनाधिकार के रोड़े

जब देश में सूचना के अधिकार का कानून बना तो स्वाभाविक ही इसे पारदर्शिता सुनिश्चित करने के एक बड़े कदम के रूप में देखा गया। नागरिकों के सशक्तीकरण के नाते यह लोकतंत्र संवर्धन की दिशा में भी एक बड़ी पहल थी। इस कानून के चलते अनियमितता और भ्रष्टाचार के बहुत सारे मामले उजागर हुए। लेकिन नौ साल बाद सूचनाधिकार की स्थिति कई तरह से शोचनीय दिखाई देती है। इसकी राह...

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