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बुंडू की पुष्पा के शोध की गूंज जापान तक

रांची : कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, बुंडू की छात्रा पुष्पा कुमारी ने पाेषणयुक्त सस्ते बेबी फूड बना कर देश ही नहीं पूरे विश्व में झारखंड का नाम राेशन किया है. पुष्पा द्वारा बनाये गये बेबी फूड बाल अमृत का चयन भारत सरकार के विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा किया गया है़ पुष्पा अब जापान में होनेवाली इंटरनेशनल साइंस कांग्रेस में देश का प्रतिनिधत्व करेगी़ भारत सरकार द्वारा पुष्पा के...

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जलवायु न्याय की डगर पर-- एन के सिंह

रॉबर्ट स्वान की इस पंक्ति को याद करना जरूरी है- यह सोच हमारी पृथ्वी के लिए सबसे बड़ा खतरा है कि कोई दूसरा इसे बचा लेगा। कई वैज्ञानिक रिपोर्ट यह इशारा करती हैं कि ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के मौजूदा खतरे की वजह मानवीय गतिविधियां हैं, इसलिए इससे निपटने की जवाबदेही भी मनुष्यों की ही होनी चाहिए। बान की मून के शब्दों में- जलवायु परिवर्तन किसी सीमा से बंधा...

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धान बोनस नहीं मिलने से बन रहा सरकार के खिलाफ माहौल : बैस

रायपुर। केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद से छत्तीसगढ़ के आठ सांसदों ने बुधवार को उनके सरकारी निवास में मुलाकात की। रायपुर सांसद रमेश बैस ने उनसे कहा कि सरकार ने किसानों से धान का बोनस देने का वायदा किया था, लेकिन केंद्र सरकार के निर्देश की वजह से ऐसा नहीं हो पा रहा। इससे सरकार के खिलाफ माहौल बन रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि राशन...

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माइक्रोसाफ्ट का प्रौद्योगिकी को पांच लाख गांवों तक ले जाने का इरादा : सत्या नडेला

सन होजे: भारत के महत्वाकांक्षी डिजिटल इंडिया कार्यक्रम में भागीदारी बनने की मंशा जताते हुए माइक्रोसाफ्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सत्य नडेला ने कहा है कि उनकी कंपनी कम लागत वाली ब्रॉडबैंड प्रौद्योगिकी भारत के पांच लाख गांवों तक पहुंचाएगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सम्मान में आयोजित रात्रिभोज में नडेला ने कहा कि माइक्रोसाफ्ट चीजें बनाना चाहती है और चीजें करवाना चाहती है. अपने संबोधन में नडेला ने कहा...

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हिंदी सम्मेलन में खो गया बहुभाषीय भारत - डॉ अनिल सद्गोपाल

विश्व हिंदी सम्मेलन सरकारी जश्न था। सरकारी जश्नों की तरह यह जश्न भी कुछ मिथकों पर टिका हुआ था। इसका सबसे बड़ा मिथक था कि हिंदी का विकास बहुभाषीय भारत की तमाम समृद्ध भाषाओं को हाशिए पर धकेलकर करना संभव है। कहीं दूर से भी यह संदेश नहीं निकला कि जिस अंग्रेजी साम्राज्यवाद के खिलाफ हिंदी संघर्ष कर रही है, उसी के खिलाफ बाकी भारतीय भाषाएं भी जूझ रही हैं...

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