अपनी वीरता और जुझारूपन के लिए प्रसिद्ध बुंदेलखंड में कई सालों के सूखे, इसके चलते पैदा कृषि संकट और इनसे निपटने की योजनाओं में भ्रष्टाचार ने पलायन और आत्महत्याओं की एक अंतहीन श्रृंखला को जन्म दे डाला है. - रिपोर्ट रेयाज उल हक बुंदेलखंड को मिले 3,506 करोड़ रुपए के पैकेज से महोबा जिले के पवा गांव की रामकली को समय पर और नियमित रूप से राशन मिल जाने की कम...
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विद्रोह के केंद्र में दिन और रातें
जाने-माने मानवाधिकार कार्यकर्ता और ईपीडब्ल्यू के सलाहकार संपादक गौतम नवलखा तथा स्वीडिश पत्रकार जॉन मिर्डल कुछ समय पहले भारत में माओवाद के प्रभाव वाले इलाकों में गए थे, जिसके दौरान उन्होंने भाकपा माओवादी के महासचिव गणपति से भी मुलाकात की थी. इस यात्रा से लौटने के बाद गौतम ने यह लंबा आलेख लिखा है, जिसमें वे न सिर्फ ऑपरेशन ग्रीन हंट के निहितार्थों की गहराई से पड़ताल करते हैं, बल्कि माओवादी...
More »इन बंजारों की धरती कहां है -- शिरीष खरे
एक बार बीड़ जिले के पाथरड़ी तहसील में कहीं चोरी हुई. कई महीने बीते, मगर चोर का अतापता न चला. आष्टी तहसील से थोड़ी दूरी पर चीखली गाँव हैं. इसी गाँव के पास घूमते-फ़िरते रहवसिया नाम का पारधी परिवार आ ठहरा. बस फिर क्या था, पुलिस ने उसे ही इतनी दूर की वारदात में अंदर डाल दिया. जहाँ रहवसिया दो महीनों तक जेल में रहा, वहीं गाँव में ऊँची जाति...
More »25 साल बाद यह कैसा इंसाफ!
नई दिल्ली [विष्णु गुप्त]। महत्वपूर्ण यह नहीं है कि भोपाल गैस काड के आठ अभियुक्तों को न्यायालय ने दोषी ठहराया है, उन्हें दो-दो साल की सजा सुनाई है या अब भोपाल गैस काड के पीड़ितों को न्याय मिल ही गया। अहम यह है कि भोपाल गैस काड के अभियुक्तों को दंडित करने में 25 साल का समय क्यों और कैसे लगा? न्याय की इतनी बड़ी सुस्ती और कछुआ चाल। क्या गैस...
More »हिरासत में मौत के लिए राज्य जिम्मेदार
मुजफ्फरनगर, 06 मई (वेबवार्ता)। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने हिरासत में मृत्यु के मामले में सुरक्षा की जिम्मेदारी राज्य की मानते हुए एक मामले में हिरासत में हुई विचाराधीन कैदी की मौत पर उसके परिजनों को एक लाख रुपए की आर्थिक मदद देने का आदेश दिया। हिरासत में कैदी की मौत के मामले में दो अभियुक्तों को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि विचाराधीन कैदी दिनेश की हत्या के मामले में मानवाधिकार...
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