शिवराज सिंह चौहान संभवतः एक सदाशयी व्यक्ति हैं. व्यापम घोटाले के गहरे दाग के बावजूद, सामान्यतः उन्हें एक अच्छा प्रशासक माना जाता रहा है. यह भी संभव है कि अपने शासन में पुलिस की गोलियों से छह किसानों की नृशंस हत्या से वे वस्तुतः क्षुब्ध हों. मंदसौर में अमन और आम हालात की बहाली के लिए किया गया उनका एकदिनी अनशन उनके समर्थकों के अनुसार एक सद्भावनापूर्ण संकेत था, हालांकि...
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उधार माफी से नहीं होगा उद्धार - प्रदीप सिंह
बीमारी पता हो और उसका इलाज भी, फिर भी बीमारी बनी रहे तो इसे क्या कहेंगे? अपने देश में किसानों और खेती-बाड़ी के साथ यही हो रहा है। बीते सात दशक से किसान को इंतजार है ऐसी सरकार का जो उसके मर्ज का इलाज करे, लक्षण का नहीं। समस्या इतनी-सी है कि किसान फसल उपजाने के लिए जितना खर्च करता है, उसे बेचकर वह उतना भी नहीं कमा पाता। सरकारों...
More »'पीर के पर्वत का पिघलाव है यह'- किसान आंदोलन पर योगेन्द्र यादव
पीर के पर्वत का पिघलाव है यह योगेंद्र यादव राष्ट्रीय अध्यक्ष, स्वराज इंडिया मध्य प्रदेश के मंदसौर में अपना विरोध व्यक्त करते किसानों पर पुलिस की गोलीबारी किसान आंदोलन के इतिहास में एक नये चरण का आगाज कर सकती है. सरकार के इनकार के बावजूद, अब यह साफ है कि 6 जून को चलीं पुलिस की इन गोलियों ने कम से कम पांच किसानों की हत्या कर दी. वहां की सरकार...
More »हरित क्रांति की जमीन पर किसानों की खुदकुशी-- संजीव शर्मा
पंजाब में पिछले एक दशक के दौरान हुई किसान आत्महत्या की घटनाओं ने सरकारी तंत्र पर हमेशा सवाल खडेÞ किए हैं। राज्य में भले ही सत्ता परिवर्तन हो गया है लेकिन किसानों की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ है। आज भी सूबे के किसान लगातार आत्महत्या कर रहे हैं। पंजाब में सत्ता परिवर्तन को करीब तीन माह हुए हैं और इन तीन महीनों के दौरान करीब 60 किसान मौत...
More »किसान आंदोलन : किसने क्या खोया, क्या पाया?
भोपाल। दस दिन चले हिंसक किसान आंदोलन ने मध्यप्रदेश के साथ-साथ पूरे देश को झकझोर दिया है। इस आंदोलन ने सूबे के मुखिया से लेकर प्रशासन, विपक्ष और जनता को भी कुछ संदेश दिए हैं। पेश है नईदुनिया की रिपोर्ट... किसान : थम्स अप फसल की लागत मूल्य और कर्ज माफी के लिए शुरू हुआ आंदोलन कई मुद्दों पर लगभग सफल रहा है। शिवराज ने फसल को समर्थन मूल्य से नीचे नहीं...
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