जनचौक, 8 फरवरी देश में अभी भी लड़कों की तुलना में लड़कियों की शिक्षा पर कम जोर दिया जा रहा है। असर की चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। असर की अतिरिक्त रिपोर्ट के मुताबिक देश में लड़कियों की तुलना में 15-25% अधिक लड़के निजी स्कूलों में पढ़ने जाते हैं। वहीं प्राथमिक विद्यालयों में लड़कियों की तुलना में लगभग 52 लाख अधिक लड़के पढ़ने जाते हैं। मतलब साफ है कि लगभग...
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जमशेदपुर में धूल के कणों में जहरीले धातुओं की मात्रा अधिक-रिपोर्ट
जनचौक, 6 फरवरी मेट्रो शहरों में वायु प्रदूषण की समस्या आम हो गई है। लेकिन धीरे-धीरे यह समस्या विभिन्न राज्यों के औद्योगिक शहरों में भी बढ़ती जा रही है। पिछले साल जनचौक में झारखंड के गिरिडीह जिले में बढ़ते औद्योगिक क्षेत्र और उसके कारण बढ़ते प्रदूषण के कारण बढ़ती बीमारियों पर खबर की थी। जहरीले धूलकण का सही असर बच्चों पर ताजा मामला सिंहभूम जिले के जमशेदपुर औद्योगिक शहर का है। जहां विशेषज्ञों...
More »बच्चों की जान ले रही है दिल्ली की प्रदूषित हवा
इंडियास्पेंड, 6 फरवरी इंडियास्पेंड की इस रिपोर्ट में हम पहली बार दिल्ली एनसीआर के बच्चों पर वायु प्रदूषण के विनाशकारी प्रभाव को देखते हैं। एक चौंका देने वाला आंकड़ा बताता है कि वर्ष 2019 में भारत में हर पांच मिनट में एक नवजात की मौत हुई। यह वीडियो बच्चों के जीवन पर वायु प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों पर प्रकाश डालता है- यह बच्चों के मस्तिष्क के विकास में बाधा डालता है और...
More »संकट में रक्त चंदन, पांच वर्षों में भारत से 19 हजार टन से ज्यादा लकड़ी का किया गया अवैध निर्यात
डाउन टू अर्थ, 6 फरवरी देश में रक्त चंदन का अवैध व्यापार तेजी से फल-फूल रहा है। इसकी पुष्टि अंतराष्ट्रीय संगठन ट्रैफिक और डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-इंडिया द्वारा जारी नई फैक्टशीट "रेड सैंडर्स: फैक्टशीट ऑफ इंडियाज रेड सैंडर्स इन इलीगल वाइल्डलाइफ ट्रेड" से हुई है। फैक्टशीट के मुताबिक देश से 2016 से 2020 के दौरान 19,049 टन से ज्यादा रक्त चंदन की लकड़ी की तस्करी की गई थी। सीआईटीईएस ट्रेड डेटाबेस ने ऐसे 28 घटनाएं...
More »कितनी बड़ी समस्या बन गया है भारत में समुद्र में बढ़ता प्लास्टिक कचरा
द वायर, 6 फरवरी समुद्रों को माइक्रोप्लास्टिक का महासागर बनने से बचाने के लिए यथाशीघ्र उचित कदम उठाए जाने की आवश्यकता हैं। पृथ्वी पर जीवन एवं संवहनीयता के दृष्टिकोण से स्वच्छ समुद्र का होना अति आवश्यक है। पिछले कुछ दशकों में प्लास्टिक की मांग एक नाटकीय क्रम में तेजी से बढ़ी हैं। प्लास्टिक की मांग में तेजी होने के प्रमुख कारण - प्लास्टिक का हल्का, लचीलापन, लंबी अवधि तक टिके रहने...
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