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राजद्रोह कानून को खत्म करने का प्रस्ताव नहीं: केंद्र सरकार

नई दिल्लीः केंद्र सरकार का कहना है कि उसका राजद्रोह कानून को खत्म करने का कोई प्रस्ताव नहीं है. केंद्रीय गृह राज्यमंत्री हंसराज अहीर ने लोकसभा में यह जानकारी दी. राजद्रोह कानून के तहत अधिकतम आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, अहीर ने मंगलवार को इस कानून को रद्द करने के लिखित सवाल का जवाब देते हुए कहा, ‘सरकार ऐसे किसी प्रस्ताव पर विचार नहीं कर...

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किसानों को मिले दीर्घकालिक हल-- आशुतोष चतुर्वेदी

मोदी सरकार की ओर से पेश किया गया अंतरिम बजट वैसे तो समाज के हर वर्ग को साधने वाला है, लेकिन यह छोटे किसानों पर विशेष मेहरबान है. अंतरिम वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने बजट में किसानों, मजदूरों और मध्य वर्ग को ध्यान में रखते हुए कई घोषणाओं का एलान किया. यह मौजूदा सरकार का अंतिम बजट था. वैसे तो अंतरिम बजट में अगली सरकार चुने जाने तक के खर्च...

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नागरिकता संशोधन विधेयक: मणिपुर के छात्र संगठनों ने राष्ट्रपति के बयान की निंदा की

इम्फाल: मणिपुर के तीन प्रमुख छात्र संगठनों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के उस बयान की निंदा की है जिसमें उन्होंने कहा था कि नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2016 से उन पीड़ितों को मदद मिलेगी जो उत्पीड़न के कारण भारत में आने को मजबूर हुए हैं. ऑल इंडिया स्टूडेंट्स यूनियन (एएमएसयू), मणिपुर स्टूडेंट्स फेडरेशन (एमएसएफ) और डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स एलायंस ऑफ मणिपुर (डीईएसएएम) ने बीते एक फरवरी को कहा कि यदि विधेयक पारित हुआ...

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कांग्रेस की न्यूनतम आय गारंटी बिना कर बढ़ाए संभव ही नहीं- योगेन्द्र यादव

वादे की शक्ल में एक बड़ी बात 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले सामने आ चुकी है- राहुल गांधी ने न्यूनतम आय गारंटी की बात कही है. अभी तक चुनावी माहौल खोखली और शोरगुल से भरी टकराहटों के मार्फत बनता दिख रहा था- पिछले कुछ सालों में हम ऐसी टकराहटों के साक्षी बने हैं. याद करें: ऐन आखिर के लम्हे को वह चतुर-बौराहट भरी पहलकदमी जिसमें गरीब अगड़ी जातियों को...

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जब सोच बदलेगी तो खिलेंगी बेटियां-- रमा गौतम

हमारा समाज बेशक आज मार्डन हो गया है। समाज के लोग यही कहते है कि हमने आज तक बच्चों में कोई फर्क नहीं किया और हमारे लिए तो बेटा-बेटी एक समान हैं। मगर, वास्तविकता कुछ और ही होती है। लड़कों के मामले में हम बहुत खुले विचार रखते हैं। मगर, लड़की की बात आते ही कहीं न कहीं हमारी सोच थोड़ी सिकुड़ जाती है, इसी के चलते सृष्टि को आगे...

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