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ऐसे तो नहीं बचेंगी बेटियां-- रीता सिंह

नीति आयोग का यह खुलासा चिंतित करने वाला है कि देश के इक्कीस बड़े राज्यों में से सत्रह राज्यों में जन्म के समय लिंगानुपात में गिरावट दर्ज हुई है। नीति आयोग ने अपनी ‘हेल्दी स्टेट्स एंड प्रोग्रेसिव इंडिया' रिपोर्ट में कहा है कि सबसे चिंताजनक हालत गुजरात की है जहां सबसे ज्यादा तिरपन अंकों की गिरावट दर्ज हुई है। जबकि हरियाणा में पैंतीस अंक, राजस्थान में बारह अंक, उत्तराखंड में...

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क्या बैंक निजीकरण सही हल है?

भारत जैसे विशाल देश में 136 करोड़ लोगों के विकास की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए बनी सरकारी नीतियों के क्रियान्वयन में सरकारी बैंक प्रमुख भूमिका निभाते हैं. यदि ये न हों, तो विशालकाय केंद्रीय योजनाएं जैसे कि जन-धन योजना, मुद्रा योजना आदि कभी लागू ही न हो सकें. इन्हीं से ही व्यापक सामाजिक उत्थान का स्वप्न देखने में सरकार को एक ठोस धरातल मिलता है. यूनाईटेड बैंक आॅफ...

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लाइलाज हो चुकी है एनपीए की बीमारी-- आदर्श तिवारी

बैंकों की तेजी से बढ़ती गैर निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) आज एक ऐसी लाइलाज बीमारी बन चुकी हैं जिसका इलाज विशेषज्ञों को भी नहीं सूझ रहा है। इसलिए ऐसे में सवाल उठता है कि एनपीए के इस अंधकार से रोशनी कब और कैसे मिलेगी? दरअसल, बैंकों की बुनियाद को कमजोर करने में बढ़ता एनपीए एक बड़ा कारक है। बैंकों के बढ़ते एनपीए को लेकर सरकार और रिजर्व बैंक भी चिंता जाहिर...

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भ्रष्ट नौकरशाही पर नकेल का फॉर्मूला - डॉ. भरत झुनझुनवाला

पंजाब नेशनल बैंक में घोटाले से स्पष्ट हो गया कि सरकारी तंत्र के निचले हिस्से में भ्रष्टाचार पहले की तरह फल-फूल रहा है। जानकार बताते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी ने ऊंचे स्तर पर तमाम ईमानदार अधिकारियों को नियुक्त किया है। वित्त सचिव और पीएनबी के प्रबंध निदेशक भी ईमानदार ही होंगे, लेकिन क्या उनके नीचे के लोग भी वैसे ही हैं? एक वृत्तांत वर्तमान स्थिति को स्पष्ट करता है। किसी...

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ज्ञान बांटने वालों के साथ ऐसी बेदिली-- बृंदा करात

हेमलता ने इसी जनवरी में अपने पति खेमचंद को दुखद परिस्थितियों में खो दिया। वह चांदनी चौक के एक प्राइमरी स्कूल में शिक्षक थे। उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अधीन आने वाले इस स्कूल में वह 1997 से पढ़ा रहे थे। जो आखिरी सैलरी उनके हाथों में आई थी, वह 58,000 रुपये थी। खेमचंद पर अपनी विधवा मां, पत्नी हेमलता, पांच बच्चे और एक बहन का भार था। वह मूल...

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